Ghaziabad News: गाजियाबाद में कल कुछ घंटों की बारिश में चारों तरफ पानी पानी दिखाई देने लगा. सड़के गली अंडरपास पानी से लबालब दिखाई देने लगे, यहां तक की गाजियाबाद नगर निगम, जिसके ऊपर पूरे शहर की जल निकासी की जिम्मेदारी है. वह अपने कार्यालय के बाहर और अपने सबसे वरिष्ठ अधिकारी नगर आयुक्त के आवास के बाहर भी जलभराव होने से नहीं रोक पाया.


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गाजियाबाद के कोतवाली इलाके के केला भट्टा एरिया में जलभराव का आलम यह हो गया की दुकानों में रखे हुए फ्रिज भी सड़कों पर तैरते हुए नजर आने लगे. सड़कों पर हुए जलजमाव से सड़कों पर चढ़ने वाला ट्रैफिक कल रेंगता हुआ नजर आया. सड़कों पर निकले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.


जब इस बाबत नगर आयुक्त नितिन गौड़ से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा रात कुछ देर और सुबह 7 बजे से लगभग 4 घंटे हुई बारिश से लगभग 70 से 80 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई. जगह-जगह से ही नगर निगम के पास जलजमाव की सूचना पहुंची. सबसे अधिक जलजमाव दिल्ली-मेरठ मार्ग पर हुआ, जहां सूचना मिलने के बाद 2 घंटे में ही जलभराव दूर कराया गया. इसके अलावा जहां-जहां से सूचना आई, वहां टीमें भेजकर जलभराव दूर कराया गया.


इसके साथ में गाजियाबाद में निचले इलाके हैं, जहां शकर मशीन और टैंकर की मदद से पानी निकलवाया गया. इसके साथ नगर निगम ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिस पर कॉल कर वाटर लॉगिंग की जानकारी दी जा सकती है.


गाजियाबाद में 540 बड़े और छोटे नाले हैं, जिनमें से 73 बड़े नाले हैं, जिनमें से 70 नालों की सफाई पहले ही करा दी गई थी. बाकी निचले इलाकों में पढ़ने वाले नालों की सफाई में अर्बन डिजाइन के कारण सफाई कराने में दिक्कत आती है. गाजियाबाद में मास्टर प्लान 2031 तैयार हो रहा है. इसके अलावा नए-नए इंजीनियरिंग डिजाइन भी तैयार किए जा रहा है, जिसके अंतर्गत यह भी देखा जा रहा है कि किस तरीके से तैयारी की जाए के शहर के किसी भी हिस्से में जलभराव न हो सके.


गाजियाबाद में निचले इलाकों के अलावा 313 मलिन बस्तियों के साथ अवैध बस्तियां भी है, जिनमें जलभराव की समस्या आती है. ऐसे में लोगों को खुद भी जागरूक होना पड़ेगा और नगर निगम भी इसमें काम करेगा.


गाजियाबाद नगर निगम ने 40 ऐसे पॉइंट चिन्हित किए थे, जिन पर जलभराव की समस्या रहती है. इस बार 27 जगह जलभराव की सूचना आई. जहां पंप सेट की मदद से जलभराव दूर कराया गया. सड़कों पर जलभराव के लिए जहां बड़े ट्रैफिक कट के साथ पीडब्ल्यूडी रोड आरआरटीएस मार्ग और अन्य स्थानों पर भी पॉइंट चिन्हित किए गए हैं. जहां पर सुनिश्चित किया जा रहा है कि जल जमाव आगे न होने पाए.


Input: Piyush Gaur