Ghaziabad News: बीते दिनों कानपुर में एक बिरयानी की दुकान पर भगवा शर्ट में कुछ मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा बिरयानी बेचे जाने पर विवाद खड़ा हो गया था. लोगों ने विरोध जताते हुए आधार कार्ड चेक करने की मांग की, जिससे पता चला कि  'जय श्री राम' लिखे भगवा शर्ट पहने दुकानदार मुस्लिम थे. इस घटना ने स्थानीय लोगों में नाराजगी पैदा कर दी, क्योंकि उन्हें लगा कि दुकानदार अपनी असली पहचान छुपा रहे थे.


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पहचान छिपाकर नहीं बेचनी चाहिए सामान
ऐसे में गाजियाबाद की एक वेज बिरयानी की दुकान पर ज़ी न्यूज की टीम ने बातचीत की. इस दौरान लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी को भी अपनी पहचान छुपाकर कारोबार नहीं करना चाहिए. उनका मानना था कि खाने-पीने की दुकानों और ठेलों पर मालिकों के नाम की नेम प्लेट लगाई जानी चाहिए ताकि ग्राहकों को पता चले कि वो किससे सामान खरीद रहे हैं.


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सरकार को बनाना चाहिए नियम
लोगों ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को इस विषय पर एक नियम बनाना चाहिए, जिससे इसका उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा सके. उनकी राय थी कि इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं और हाल में कई मामलों में खाने-पीने की चीजों में मानव अपशिष्ट मिलाने के आरोप सामने आए हैं. ऐसे में दुकानों के बाहर मालिकों के नाम की जानकारी होना बहुत जरूरी है, ताकि ग्राहकों को पता चल सके कि वे किससे खरीदारी कर रहे हैं.

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सख्स नियम करें लागू
गाजियाबाद के लोगों की मांग है कि इस तरह की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए सरकार को सख्त नियम लागू करने चाहिए, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और लोग बिना किसी डर के सामान खरीद सकें.