Gold Benefits: सोना एक लेकिन गुण हैं अनेक, भाग्य चमकाएगा और रोग को दूर भगाएगा
सोने को शास्त्रों में एक शुभ धातु बताया गया है. सोने का औषधीय और ज्योतिषीय दोनों महत्व है. दवा के तौर पर सोने का इस्तेमाल भस्म के रूप में कियो जाता है. वहीं भाग्य में वृद्धि होने के लिए सोने को पहनना शुभ माना जाता है.
Gold: सोने को शास्त्रों में एक शुभ धातु बताया गया है. सोने का औषधीय और ज्योतिषीय दोनों महत्व है. दवा के तौर पर सोने का इस्तेमाल भस्म के रूप में कियो जाता है. वहीं भाग्य में वृद्धि होने के लिए सोने को पहनना शुभ माना जाता है. इसे सुख और समृद्धि से भी जोड़ा जाता है.
सोना है कीमती धातु
सोना एक कीमती धातु है और यह सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है. यही वजह है कि हर कोई इसे पहनना पंसद करता है. सोने का संबंध सुख-समृद्धि से जुड़ा होता है. विज्ञान की मानें तो सोने में कई ऐसी चीजे हैं जो स्वास्थ्य को अच्छा रखते में अहम काम करता है.
सोना ग्रहों को करता है दूर
ज्योतिष शास्त्र में सोने को ग्रहों के दोषों को दूर करने का सहायक माना गया है. ऐसा मानै जाता है कि सोने को पहनने से ग्रहों के बुरे होने पर भी कुछ बुरा नहीं होता है. ऐसी भी मान्यता है कि सोने को पहनने से कॉन्सन्ट्रेशन लेवल बढ़ जाता है.
हृदय रोगियों के लिए सोना है खास
ऐसी मान्यता है कि सोना शरीर की इम्यूनिटी पावर को बढ़ाता है. सोना दिल के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण होता है. सोने की चेन पहनने से दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है. सोने का दिल के पास रहना अच्छा माना जोता है.
कैसे पहनना चाहिए सोना
सोने पहनने के लाभ तभी मिलता है जब उसे सही ढ़ंग से पहनना जाए. सोने को पहननते समय कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए.
-सोना शरीर को स्पर्श करे: सोना पहनने से पहले इस बात का खास ध्यान दें कि सोना शरीर को छुए, अगर ये आपके शरीर को छू रहा है तो इसका पूरा फल मिलेगा.
-कब पहनने सोना: ज्योतिष ग्रंथों में सोना को पहनने के बारे में बिलकुल विस्तार से बताया गया है. विद्वानों की मानें तो शुभ दिन और शुभ मुहूर्त में ही सोना पहनना चाहिए. सप्ताह में रविवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार को सोना पहनना शुभ माना गया है.
-सोना का खोना :सोना का खोना अच्छा नहीं माना जाता है. इसलिए इसकी रक्षा करनी चाहिए. सोना धारण करने वालों को हमेशा पॉजिटिव रहना चाहिए. दूसरों की बुराई और गलत काम नहीं करना चाहिए. सोना पहनने वालों को धर्म-कर्म के कार्यों में रूचि लेनी चाहिए और दान करते रहना चाहिए.