Gopal Ratna Award: सरकार की तरफ से राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर, 2022) के खास अवसर पर राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. यह पुरस्कार पशुपालन में गाय-भैंस, भेड़-बकरी, सूअर, मुर्गा, बतख, बटेर समेत कई तरह के पशु-पक्षियों का पालन-पोषण को शामिल किया गया है. इसके संबंध में जानकारी और ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए पढ़ें पूरी खबर...
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Gopal Ratna Award: देशभर के ग्रामीण इलाकों में पशुपालन आमदनी (Farmers Income) का सबसे बड़ा स्त्रोत माना जाता है. क्योंकि पशुपालन खेती-किसानी का ही एक हिस्सा माना जाता है. पशुपालन दूध, मांस, अंडे, जैविक खाद समेत कई कामों के लिए किया जाता है और पशुपालन में गाय-भैंस, भेड़-बकरी, सूअर, मुर्गा, बतख, बटेर समेत कई तरह के पशु-पक्षियों का पालन-पोषण शामिल है
यहीं, वजह है कि सरकार की तरफ से गांव के लोगों को पशुपालन के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इतना ही नहीं सरकार का सारा फोकस किसानों की आमदनी को बढ़ावा देने में लगा हुआ है और एक यही सही तरीका है कि पशुपालन से किसानों की आमदनी में तेजी से इजाफा लाया जा सकता है.
पशुपालन तेजी से उभरता हुआ कारोबार बना
बता दें कि मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने साल 2022 के लिए राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कारों के लिए आवेदन मांगा है. आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 15.09.2022 है और यह पुरस्कार राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (national milk day) (26 नवंबर, 2022) के अवसर पर दिया जाएगा.
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार की सभी जानकारी और ऑनलाइन जमा करने के लिए इस वेबसाइट के दिए हुए लिंक https://awards.gov.in पर जाकर देख सकते हैं. सरकार पशुपालन एवं डेयरी विभाग किसानों को स्थायी आजीविका प्रदान करने के लिए पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के विकास के उद्देश्य से हर संभव प्रयास कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, देश में पहली बार "राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM)" दिसंबर 2014 से शुरू किया गया था. इसके तहत हर साल डेयरी किसानों, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और दुग्ध उत्पादक कंपनियों को गोपाल रत्न पुरस्कार देती है.
अवॉर्ड के लिए आवश्यक योग्यता
1. इस पुरस्कार के लिए वो ही किसान आवेदन कर सकते हैं, जो गाय की 50 देसी नस्लों और भैंस की 18 देसी नस्लों में से किसी एक का पालन करते हों.
2. इस पुरस्कार के लिए कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (artificial insemination technician), जिन किसानों ने इस काम के लिए कम से कम 90 दिनों की ट्रेनिंग ली हो.
3. दुग्ध उत्पादक कंपनी प्रतिदिन 100 लीटर दूध का उत्पादन करती है और उनके साथ तकरीबन 50 किसान जुड़े हुए हों.
इन तीन समूहों में दिया जाएगा अवॉर्ड
राष्ट्रीय गोकुल किसान मिशन योजना के तहत हर साल तीन समूहों प्रथम द्वितीय, तृतीय और तृतीय स्थान के लिए पुरस्कार दिया जाता है.
1. प्रथम पुरस्कार पाने वाले को 5 लाख की धनराशि प्रदान की जाती है.
2. द्वितीय स्थान पाने वाले को 3 लाख की धनराशि प्रदान की जाती है.
3. तृतीय स्थान पाने वाले को 2 लाख की धनराशि प्रदान की जाती है.
इसी के साथ पुरस्कार विजेताओं को प्रत्येक श्रेणी में योग्यता का प्रमाण पत्र, एक स्मृति चिन्ह और एक निश्चित राशि दी जाती है.