Govardhan Puja 2024: नूंह के मंदिरों में विधि-विधान से की गई गोवर्धन और अन्नकूट पूजा, लगा 56 भोग
दीपावली मनाने के बाद नूंह शहर के मंदिरों में विधि विधान से गोवर्धन एवं अन्नकूट पूजा से की गई. परम्परा अनुसार लोग छप्पन प्रकार के व्यंजन का भोग लगाने के बाद अपने आसपास के लोगों को प्रसाद के लिए निमंत्रण देते हैं. नूंह शहर के मंदिरों में आज गोवर्धन पर्व मनाया गया.
Nuh News: दीपावली मनाने के बाद नूंह शहर के मंदिरों में विधि विधान से गोवर्धन एवं अन्नकूट पूजा से की गई. परम्परा अनुसार लोग छप्पन प्रकार के व्यंजन का भोग लगाने के बाद अपने आसपास के लोगों को प्रसाद के लिए निमंत्रण देते हैं.
नूंह शहर के मंदिरों में आज गोवर्धन पर्व मनाया गया. शहर के मंदिरों में प्रसाद के रूप में कढ़ी, चावल, खीर, सात प्रकार की सब्जियां, बाजरा, मोठ को प्रसाद के रूप में मनाया जाता है. गौरतलब है कि दीपावली महापर्व के बाद गोवर्धन पर्व मनाया जाता है. इस दिन को अन्नकूट पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. गोवर्धन को अन्नकूट अर्थात् विभिन्न प्रकार के शाक, फल, अन्न, वनस्पतियां, दूध एवं दूध से बने पदार्थ, मिष्ठान्न आदि का भोग लगाने का विधान है.
इस दिन प्रातः जल्दी उठकर घर के द्वार पर गोबर से गोवर्धन बनाकर उसे पेड़ की शाखों एवं फूलों से सजाया जाता है. इस दिन मंदिरों में भगवान को छप्पन खाद्य पदार्थों का भोग लगाकर उसे प्रसाद रूप में वितरित किया जाता है. इस दिन ब्रज में गोवर्धन पूजा एवं परिक्रमा का विधान है.
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श्रद्धालु इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत के सम्मुख भगवान श्रीकृष्ण, गायों व बालगोपालों की आकृतियां बनाकर उनकी पूजा करते हैं. इस दिन भगवान की पूजा के उपरान्त विविध खाद्य सामग्रियों से उन्हें भोग लगाया जाता है.
पारंपरिक पूजा के उपरान्त गोवर्धन पर्वत के आकार में मिठाइयां बनाकर भगवान को भोग लगाया जाता है और बाद में उन्हें ही प्रसाद रूप में बांटा भी जाता है. आमतौर पर घरों में ही गाय के पवित्र कहे जाने वाले गोबर से लीपकर ही गोवर्धन पर्वत समेत श्रीकृष्ण, गायों व अन्य आकृतियों को बनाकर उनकी पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा में दिन के समय पंचमेल खिचड़ी का विशेष भोजन तैयार करके लोगों को भोज कराया जाता है.
INPUT: ANIL MOHANIA