Surrogate Ads Guidelines: शराब और तंबाकू का ऐड करने वाले सरोगेट विज्ञापन पर सरकार की गाइडलाइंस
सरकार विज्ञापन जारी करने को लेकर बेहत सख्त है. उपभोक्ता मामलों के विभाग ने भारतीय विज्ञापन मानक परिषद की मदद से शराब जैसे प्रतिबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने वाले सरोगेट विज्ञापनों की परेशानी को पूरी करह से सुलझाने के लिए हितधारक परामर्श जारी किया है.
Surrogate Ads: सरकार विज्ञापन जारी करने को लेकर बेहत सख्त है. उपभोक्ता मामलों के विभाग ने भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) की मदद से शराब जैसे प्रतिबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने वाले सरोगेट विज्ञापनों की परेशानी को पूरी करह से सुलझाने के लिए हितधारक परामर्श जारी किया है. ऐसा माना जाता है कि इस तरह के विज्ञापन उपभोक्ता अधिकारों को कमजोर करते हैं. और सार्वजनिक स्वास्थ्य के तहत खतरा भी पैदा करते हैं.
क्या होता है सेरोगेट विज्ञापन
सेरोगेट विज्ञापन वो होता है जिसके माध्याम से किसी दूसरे इमेज के जरिए किसी दूसरे प्रॉडक्ट या ब्रांड का प्रचार किया जाता है. आपने अक्सर देखा होगा कि कई लिकर बनाने वाली कंपनी अपने नाम से सोडा और पानी तक का ऐड करती है. इसको आप ऐसे भी पहचान सकते हैं जिन विज्ञापनों को सिधे तौर पर प्रसतुत नहीं किया जाता है.
उपभोक्ता मामले के सचिव ने बताया कि प्रतिबंधित श्रेणियों में उत्पादों को बढ़ावा देने वाले सरोगेट विज्ञापन उपभोक्ता के अधिकारों को कमजोर करने में मदद करते हैं और इसके प्रभाव खराब भी हो सकते हैं.
वहीं उनका ये भी कहना है कि उद्योगों सक्टर में सरोगेट विज्ञापनों के प्रसार को रोकने की जरूरत है. उपभोक्ता विभाग ने इस बात को स्पष्टता कर दिया है कि सरोगेट विज्ञापन में किसी निरंतर भागीदारी को माफ नहीं किया जा सकता है और जो लोग इसका उल्लंघन करेंगे उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई भी की जाएगी.
ये भी पढ़ें- हरियाणा पुलिस ने वापस लिया अपना फैसला, नहीं लगेगा NSA, शंति बनाएं रखने की अपील
गाइडलाइन में किन शर्तों को किया शामिल
ब्रांड एक्सटेंशन और विज्ञापित प्रतिबंधित उत्पाद, सेवा के बीच में साफ अंतर होना चाहिए.
विज्ञापन की कहानी या दृश्य में केवल विज्ञापन के उत्पाद को ही दिखाना होगा, न कि किसी और उत्पाद को.
विज्ञापन में रोक लगाए गए उत्पादों का किसी तरह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संदर्भ नहीं होना चाहिए.
किसी भी विज्ञापन में प्रतिबंधित उत्पादों बढ़ावा देने वाले कोई भी वाक्य या बारीकियां नहीं होने चाहिए.
विज्ञापन में किसी भी प्रतिबंधित उत्पादों के रंग, लेआउट या प्रस्तुतियों का इस्तेमाल नहीं किया जना होगा.
विज्ञापन में किसी दूसरे उत्पादों का विज्ञापन करते वक्त निषिद्ध उत्पादों के विज्ञापन के लिए किसी भी तरह के विशिष्ट स्थितियों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.