Gufa Wala Temple: मंदिर के प्रधान रहे विनोद शर्मा एक बार वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटरा पहुंचे. वहां जाकर उन्हें लगा कि बहुत से ऐसे लोग हैं, जो किसी कारणवश दर्शन के लिए वैष्णो देवी नहीं जा पाते. इसके बाद गुफा वाला मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ.
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नई दिल्ली: महाशिवरात्रि के पर्व पर एक ही मंदिर में भगवान शिव की पूजा तीन जगह होगी. कहीं पर शिव परिवार की पूजा होगी तो कहीं पर 111 ज्योतिर्लिंगों को पूजा जाएगा. इसके अलावा 12 ज्योतिर्लिंग की आराधना की जाएगी. ये ज्योतिर्लिंग इसी मंदिर में 56 टन की एक ही सिला पर मौजूद हैं. हम बता रहे हैं पूर्वी दिल्ली में प्रीत विहार जी ब्लॉक स्थित गुफा वाला मंदिर ( Preet vihar gufa wala mandir) के बारे में. यह दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है. दूर-दूर से भक्त यहां भगवान् शिव के अलावा वैष्णो माता के दर्शन के लिए आते हैं. मां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
नवरात्र के दौरान यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख आकर्षण है. दुर्गा पूजा और नवरात्र के अवसर पर यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. त्योहार पर इसे फूलों और रोशनी से सजाया जाता है. मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण भक्तों को मन और हृदय की शांति प्रदान करता है. इस मंदिर में वैष्णो देवी मंदिर की छवि देखने को मिलती है. ऐसा माना जाता है कि माता को चुन्नी चढाने से हर कामना पूरी हो जाती है.
1987 के बाद मंदिर का आकार बढ़ा
यहां 1987 में बहुत छोटा सा शिव मंदिर हुआ करता था. मंदिर के प्रधान रहे विनोद शर्मा एक बार वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटरा पहुंचे. वहां जाकर उन्हें लगा कि बहुत से ऐसे लोग हैं, जो किसी कारणवश दर्शन के लिए वैष्णो देवी नहीं जा पाते. ऐसे लोगों के लिए वैष्णो देवी मंदिर की तर्ज पर दिल्ली में एक मंदिर बनाने का विचार उनके मन में आया. इसके बाद गुफा वाला मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ.
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निसंतान दंपतियों की होती है मनोकामना पूरी
इस मंदिर में 140 फुट लंबी गुफा है, उसमें पवन दरबार बना हुआ है, जिसमें मंदिर निर्माण के समय से ही एक ज्योत जल रही है. इसके अलावा मंदिर में 56 हजार किलोग्राम का एक शिवलिंग स्थापित किया गया, जिसमें 12 स्वरूप मौजूद(ज्योतिर्लिंग) हैं. यह 24 फुट चौड़ा और 16 फुट ऊंचा है. ऐसी मान्यता है कि यहां निसंतान दंपतियों की मनोकामना पूरी होती है.
दर्शन के लिए इस समय जा सकते हैं
यह मंदिर सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक खुलता है. इसके बाद शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक श्रद्धालु दर्शन के लिए जा सकते हैं. मंदिर के प्रवेश द्वार पर परिवार गणेशजी, गोराजी, कार्तिकेजी, नंदिनी के साथ शिवलिंग, विशाल नंदी जी, एक पट्ट पर ब्रह्मा विष्णुजी महेशजी की मूर्तियां, गणेशजी, लक्ष्मीजी गरुड़जी के साथ विष्णुजी, महासरस्वती, नंदीजी पर शिव पार्वती गणेशजी, महाकाली महावैष्णवी, रामदरबार, हनुमानजी की मूर्ति हैं. मंदिर (शीतलामाता) (कालिया नाग पर कृष्णजी) से बाहर आते हैं तो ऊपर जाने पर भगवान गणेश और भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति नजर आती है जो मंदिर का मुख्य आकर्षण है.
सीढ़ियों से नीचे आने पर माता चिंतपूर्णी, माता कात्याणी, बाण गंगा, हाथी मठ की 111 नवदेधवारा शिवलिंग छोटी गुफाएं हैं. नीचे आने के बाद शेरमुख है जिसके माध्यम से भक्त एक बड़ी गुफा में प्रवेश करते हैं जो वैष्णो देवी मंदिर जैसा एहसास देता है. ऊपर हॉल में मां वैष्णो देवी की मूर्ति के साथ ही महाकाली, महावैष्णवी, महावैष्णवी व महासरस्वती की तीन पिंडियां हैं. इसके बाद ज्वाला जी की महा महाजोत है जो साल के 365 दिन, 24 घंटे जलती रहती है. इसके अलावा वहां हनुमानजी की एक प्रतिमा है.
गुफा के निकास पर भगवान भरोणनाथ की एक प्रतिमा है. गुफा की चोटी पर भगवान शिव की मूर्ति का निर्माण किया गया है. गुफा से बाहर आने के बाद ऊपर जाने पर एक विशाल वट पर एक विशाल नंदी जी के साथ पंचेश्वर शिवजी के साथ द्वादश शिवलिंग हैं, जो मंदिर के मुख्य आकर्षणों में से एक है.
कैसे पहुंचें गुफा वाले मंदिर
गूगल मैप का इस्तेमाल कर आप सीधे मंदिर पहुंच सकते हैं. गूगल मैप पर गुफा वाले मंदिर की लोकेशन उपलब्ध है. बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए मंदिर से 3 किलोमीटर की दूरी पर आनंद विहार बस अड्डा और आनंद विहार रेल टर्मिनल है. इसके साथ दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे एनएच 9 भी दो किलोमीटर की दूरी से गुजरता है.