Working Women: हरियाणा सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं की आवश्यकता को देखते हुए राज्य में आधुनिक सुविधाओं से युक्त क्रेच खोलने का निर्णय लिया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की है कि कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखरेख की जरूरत को पूरा करने के लिए राज्य में 500 क्रेच खोले जाएंगे. कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए क्रेच को अनिवार्य कर दिया गया है.


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महिला एवं बाल विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा पंचकूला, सेक्टर-4 स्थित महिला एवं बाल विकास निदेशालय के भवन में क्रेच के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थी. उन्होंने कहा कि मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 2017 (Maternity Benefit Act) के तहत जिस किसी भी संगठन में 50 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं चाहे वह निजी हो या सरकारी वहां क्रेच अब अनिवार्य होगा.


उन्होंने आगे कहा कि क्रेच का मूल उद्देश्य 6 महीने से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए डे-केयर सुविधाएं प्रदान करना है. इसके अलावा, क्रेच में कामकाजी माताओं के बच्चों के लिए पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार, बच्चों के शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास को बढ़ावा देना और शिक्षित करना और बेहतर चाइल्ड केयर के लिए देखभाल करने वालों को सशक्त बनाना होगा.


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उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा पर राज्य के अब तक 16 जिलों में 155 क्रेच चालू किए जा चुके हैं. क्रेच में सभी चाइल्ड केयर की सुविधाएं जैसे कि खेलने के सामान और खिलौने, शिक्षण-सीखने के साधन और पर्याप्त पेयजल व्यवस्था उपलब्ध होगे. पंचकूला का यह क्रेच निदेशालय के भूतल पर स्थित है. इस शिशु गृह का संचालन प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाएगा.


सुमिता मिश्रा ने कहा कि क्रेच में बच्चों को सोने की सुविधा सहित डे-केयर सुविधाएं प्रदान की जाएगी. बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पूरक पोषण मुहैया कराया जाएगा. बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण किया जाएगा. बच्चों के विकास की निगरानी करने के साथ क्रेच का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे कार्यालय के समय के साथ ही निर्धारित हैं. लंबे समय से विभाग के कर्मचारियों द्वारा क्रेच की जरूरत महसूस की जा रही थी.


(इनपुटः विजय राणा)