Haryana News: अनुराग ढांडा ने हरियाणा में बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे पर मनोहर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आज भी हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन बना हुआ है और ये समस्या गंभीर रुप लेती जा रही है. अभी कुछ दिन पहले सिरसा में तीन युवाओं की नशे से मौत की खबर आई. हर रोज युवाओं के नशे की चपेट में आने की खबरें आ रही हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं. क्योंकि प्रदेश में 25 लाख युवा बेरोजगार हैं. सरकार ने 75% आरक्षण का जुमला फेंक कर युवाओं को गुमराह किया. 75 प्रतिशत  युवाओं को रोजगार मिले ऐसी सरकार की मंशा कभी थी ही नहीं.


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अनुराग ढांडा ने सरकार में हुई कुछ भर्तियों के आंकड़ें पेश किए- 


1. कृषि विभाग के 600 एडीओ पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी, लेकिन सिर्फ 57 कैंडिडेट्स को पास करके इंटरव्यू के लिए बुलाया गया और उनमें से भी 50 का ही चयन किया गया. भर्ती में जनरल केटेगरी के 23 पदों में से 16 पदों पर हरियाणा से बाहर के उम्मीदवारों का चयन किया गया. यानी 70 प्रतिशत बाहर के सेलेक्शन हुए.


2. इससे पहले फरवरी 2021 में हुई एसडीओ इलेक्ट्रिकल की भर्ती में 99 लोगों का चयन किया गया था, इनमें 77 बाहर के थे और सिर्फ 22 हरियाणा के थे. यानी 78 प्रतिशत बाहर के उम्मीदवारों का चयन हुआ.


3. लेक्चरर ग्रुप-B (टेक्निकल एजुकेशन) की भर्ती में सामान्य श्रेणी के 157 में से 103 अभ्यार्थी हरियाणा से बाहर के चयनित हुए. यानी 66% हरियाणा के बाहर के अभ्यर्थियों का चयन हुआ. 


4. साल 2019 में असिस्टेंट प्रोफेसर पॉलिटिकल साईंस की भर्ती में 18 में से 11 उम्मीदवार बाहरी थे, यानी 61 प्रतिशत बाहर के अभ्यर्थी चयनित हुए. 


5. HCS भर्ती परीक्षा 2021 में 34 बाहरी लोग चयनित हुए.


6. हरियाणा अकेला ऐसा राज्य है, जहां स्टाफ नर्स व वेटरनरी की पोस्ट के लिए हरियाणा नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल व हरियाणा वेटरनरी रजिस्ट्रेशन काउंसिल का पंजीकरण अनिवार्य नहीं, जबकि दूसरे प्रदेशों में राज्य काउंसिल का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. नतीजा यह है कि बाहर के युवा हरियाणा में नर्सिंग व वेटरनरी में भर्ती हो रहे हैं और हरियाणा के युवाओं को न हरियाणा में जगह मिलती और न बाहर.


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पहले सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दिया कि बाहर के आवेदकों को भी सामाजिक आर्थिक आधार पर अंक दिए जाएंगे, जिससे हरियाणा के गरीब और पिछड़े युवा का अधिकार मारा गया. अब सरकार ने नया फैसला करके हरियाणा के डोमिसाइल की जरुरत को भी खत्म कर दिया है. इससे हरियाणा की सभी नौकरियों पर बाहरी उम्मीदवारों का कब्जा हो जाएगा.


हरियाणा के 25 लाख बेरोजगार कहां जाएं?
इन सब से एक चीज साफ हो जाती है कि मनोहर सरकार में किसी भी एक हरियाणवी के मुकाबले अनेक बाहरियों को नौकरी मिल रही है. मुख्यमंत्री को बीजेपी सरकार का नया नारा जारी करना चाहिए- हरियाणावी एक, बाहरी अनेक.


अगर मनोहर-दुष्यंत सरकार को बाहर के लोगों को नौकरी देने का इतना ही शौक है तो अगला चुनाव हरियाणा से नहीं हरियाणा के बाहर जाकर ही कहीं से लडें. क्योंकि हरियाणा के युवा तो इस बार इनकी जमानत जब्त कराने के मूड में हैं.


अनुराग ढांडा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में गीता की कसम खाकर कहा था कि वह भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ेंगे, लेकिन उन्होंने शायद मन में यह भी कहा होगा कि उन पर कार्रवाई करने की जगह उन्हें अच्छे-अच्छे पद देंगे.


मुख्यमंत्री के भर्ती रोको वाले बयान का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से मामले कोर्ट में जाते हैं. पंजाब में हमारी सरकार है और पंजाब में भी भर्तियां से जुड़े कई मामले कोर्ट में गए, लेकिन सरकार ने उनका मजबूती से सामना किया और लोगों की भर्तियां करवाई तो हरियाणा सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती.


कांग्रेस के 'घर-घर कांग्रेस' कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि हर पार्टी कार्यक्रम चलाती है. कांग्रेस भी चला रही है जो अच्छी बात है, हमारे भी प्रदेश में कई कार्यक्रम चल रहे हैं. साथ उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिना आम आदमी पार्टी के सहयोग के चुनाव लड़ने के बारे में न  सोचे. क्योंकि, अगर कांग्रेस ने हमारे बिना चुनाव लड़ा तो कांग्रेस लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत पाएगी.


Input- Vijay Rana