Haryana Agriculture Budget 2023: हरियाणा के इन तीन जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के खुलेंगे ट्रेनिंग सेंटर
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Haryana Agriculture Budget 2023: हरियाणा के इन तीन जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के खुलेंगे ट्रेनिंग सेंटर

Haryana Agriculture Budget 2023: हरियाणा में खेती के आधुनिकीकरण के लिए इस बजट में प्रावधान किया गया है कि 500 युवा किसानों को ड्रोन के माध्यम से खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा.  

Haryana Agriculture Budget 2023: हरियाणा के इन तीन जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के खुलेंगे ट्रेनिंग सेंटर

Haryana Agriculture Budget 2023: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र का आज चौथा दिन है, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज सदन में हरियाणा 2023-24 का बजट पेश किया है. बतौर वित्त मंत्री सीएम बजट पेश कर रहे हैं. सीएम ने आज विधानसभा में 1,83,950 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है. इस दौरान सीएम मनोहर लाल ने इस साल कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए 7342 का बजट पास किया है.

तो वहीं, पिछले साल सरकार ने 5758 का बजट पास किया था. उन्होंने जानकारी दी कि प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ (पी.डी.एम.सी.) के तहत 85 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करके जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023-24 में 20 हजार एकड़ में प्राकृतिक खेती का लक्ष्य रखा गया है. चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान, जींद और सिरसा के मंगियाना में प्राकृतिक खेती के 3 प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किये जाएंगे.

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उन्होंने कहा कि हरियाणा गौ सेवा आयोग में पंजीकृत नई गौशालाओं के लिए ग्राम पंचायतों की सहमति से ग्राम पंचायत भूमि उपलब्ध कराई जाएगी. गोशालाओं को गोबर्धन योजना से जोड़ा जाएगा, जिसके तहत हर जिले में बायोगैस प्लांट बनाए जाने प्रस्तावित हैं. उन्होंने कहा कि कृषि गतिविधियों में ड्रोन को अपनाने के लिए 500 युवा किसानों को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ढैचा की खेती के लिए सरकार 720 रुपये प्रति एकड़ की दर से लागत का 80 प्रतिशत वहन करेगी.

उन्होंने आगे कहा कि पराली की खरीद के लिए 1000 रुपये और पराली प्रबंन्धन से सम्बंधित खर्चों को पूरा करने के लिए नामित एजेंसी को 1500 रुपये प्रति टन दिया जायेगा. ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के अधीन 1 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र लाने का लक्ष्य 2023-24 के लिए रखा गया है.

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हरियाणा कृषि विभाग

• 20 हजार एकड़ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती का लक्ष्य.

• कृषि गतिविधियों में ड्रोन को अपनाने के लिए 500 युवा किसानों को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

• ढैचा की खेती के लिए सरकार 720 रुपये प्रति एकड़ की दर से लागत का 80 प्रतिशत वहन करेगी.

• 'धान की सीधी बिजाई' के अधीन 2 लाख एकड़ क्षेत्र लाने का लक्ष्य.

• पराली की खरीद के लिए 1000 रुपये और पराली प्रबंन्धन से संबंधित खर्चों को पूरा करने के लिए नामित एजेंसी को 1500 रुपये प्रति टन देंगे.

• ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के अधीन 1 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र लाने का लक्ष्य.

• मृदा लवणता और जलभराव से प्रभावित 50,000 एकड़ भूमि के सुधार का लक्ष्य.

• शहद गुणवत्ता प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी और शहद व्यापार नीति तैयार की जाएगी.

• पंचकूला, पिनगवां, जिला नूंह और मुनीमपुर, जिला झज्जर में बागवानी फसलों के 3 नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे.

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पशुपालन एवं डेयरी और मत्स्य पालन

• पशुपालन क्षेत्र में उद्यमिता विकास के लिए 'हरियाणा पशुधन उत्थान मिशन' शुरू किया जाएगा.

• प्रदेश में 70 नई मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां शुरू की जाएंगी.

• पलवल, महेंद्रगढ़, अंबाला और फतेहाबाद में 4 पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक स्थापित किए जाएंगे

• गुरुग्राम और फरीदाबाद में दो अत्याधुनिक सरकारी Veterinary Pet Clinics स्थापित होंगे.

• हरियाणा गौ-सेवा आयोग का बजट 40 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये किया.

• नई गौशालाओं के लिए ग्राम पंचायतों की भूमि उनकी सहमति से उपलब्ध करवाई जाएगी.

सिंचाई एवं जल संसाधन

● 'अटल भूजल योजना के तहत पानी की कमी वाले खण्डों के गांवों में 1,000 पीजोमीटर स्थापित किये जाएंगे.

● लगभग 2.5 लाख एकड़ खेती योग्य कमांड क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाया जाएगा.

● 4,000 ऑन-फार्म वाटर टैंक बनाए जाएंगे.

● अगले 3 सालों में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से गन्ने की खेती के तहत 2 लाख एकड़ क्षेत्र को कवर किया जाएगा.

● 112,000 रिचार्ज बोरवेल और छत पर वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा.

● खेती योग्य कमांड क्षेत्र के खालों के पुनर्वास, मरम्मत, निर्माण और विस्तार का काम किया जाएगा और इनकी मरम्मत, निर्माण और प्रति एकड़ 24 फीट से 40 फीट बढ़ाने के काम में तेजी लाई जाएगी.

● महेंद्रगढ़ के निजामपुर खण्ड समेत 10 जलाशयों का विकास किया जाएगा.

● सतलुज-यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर के निर्माण के लिए 101 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान.