अंबाला के इस किसान की कमाई नहीं किसी IIT इंजीनियर से कम, सालाना कमाते हैं करोड़ों रुपये
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अंबाला के इस किसान की कमाई नहीं किसी IIT इंजीनियर से कम, सालाना कमाते हैं करोड़ों रुपये

हरियाणा में किसान अब हजारों में नहीं लाखों-करोड़ों सालाना कमाते हैं. वहीं अंबाला का एक किसान मशरूम की खेती कर 1 करोड़ 20 लाख रुपये साल के कमाते हैं.

 

अंबाला के इस किसान की कमाई नहीं किसी IIT इंजीनियर से कम, सालाना कमाते हैं करोड़ों रुपये

Haryana Farmer: अंबाला के गांव सुल्लर में मशरूम की खेती से किसान गिफ्टी ने अपनी बड़ी पहचान बना ली है. किसान ने मशरूम के 20 हट्स लगाए हैं और बाकी किसानों के लिए वे प्रेरणा से कम नहीं हैं. लोग सीधे इनके पास मशरूम खरीदने के लिए पहुंचते हैं. इनकीं सालाना आय 1 करोड़ 20 लाख रुपये है.

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अंबाला के सुल्लर गांव का किसान गिफ्टी इलाके के लिए बड़ी पहचान बन गया है. गिफ्टी परंपरागत खेती छोड़ प्रोग्रेसिव खेती कर रहा है, जिसके चलते वे इलाके के लोगों को रोजगार भी दे रहा है. गिफ्टी और उसके पिता शमशेर सिंह मशरूम की खेती कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने 20 हट्स तैयार की हैं. मशरूम की खेती में उद्यान विभाग भी पूरी मदद कर रहा है और उन्हें अनुदान दे रहा है, जिसके चलते किसान शमशेर सिंह व गिफ्टी ने मशरूम का इतना बड़ा प्लांट खड़ा कर दिया है. किसान गिफ्टी ने बताया कि वे खुद खाद तैयार करते हैं. उन्हें मशरूम बेचने में भी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती है. इलाके के कई लोग मशरूम की खेती कर रहे हैं. वे उनकी भी मशरूम बेचने में मदद करते हैं. उन्होंने बताया उनके बैग्स 2 से 3 दिन के अदंर मशरूम तैयार कर देते हैं. फिर उन्हें ये तोड़ कर पैक करते हैं और आगे सप्लाई देते हैं.

मशरूम की सर्दियों में बंपर पैदावार होती है और गर्मियों में कम, लेकिन उद्यान विभाग से मिले अनुदान से गिफ्टी ने एयरकंडीशन्ड हट तैयार कर रखी है. जिसमें वे पूरा साल मशरूम की पैदावार लेते हैं. गिफ्टी करीब 20 लोगों को रोजगार दे रहे है और वे खुद मशरूम से सालाना 1 करोड़ 20 लाख रुपये तक कमा रहे हैं.

मशरूम की खेती कर रहे किसान गिफ्टी को मशरूम बेचने में कोई दिक्कत नहीं आती. लोग खुद इनके पास मशरूम लेने पहुंचते हैं. वहीं शहर से लोग भी इनके पास मशरूम खरीदने आते हैं, क्योंकि उन्हें मंडी से सस्ती व फ्रेश मशरूम मिल जाती है.

गांव सुल्लर में इतना बड़ा प्लांट इलाके के लोगों के लिए भी प्रेरणा से कम नहीं है. दूसरे किसान आज भी परंपरागत खेती कर रहे हैं. उनके लिए गिफ्टी किसी मिसाल से कम नहीं है. इलाके के किसान चाहते हैं कि वे गिफ्टी से प्रेरणा ले मशरूम की खेती करें.

वहीं इस पर बोलते हुए जिला उद्यान अधिकारी ने कहा कि प्रोग्रेसिव खेती करने वालों की सरकार व उद्यान विभाग पूरी मदद करते हैं. उन्हें ट्रेनिंग के साथ साथ खर्च व प्लांट के लिए अनुदान भी दिया जाता है. जिला उद्यान विभाग के अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया शमशेर सिंह और उनका बेटा उन्नत किसान हैं. वे इलाके के लिए प्रेरणा हैं. उन्होंने विभाग से अनुदान लेकर ये काम शुरू किया था. आज बहुत से किसानों ने उनसे प्रेरणा ले मशरूम की खेती शुरू की है, उनकी भी सरकार मदद कर रही है.