नरेंद्र मंडोला/चरखी दादरी: चरखी दादरी जिले के गांव अटेला कलां के कल्लूराम ने हौंसले की मिशाल कायम की है. कल्लूराम ने गांव के पहाड़ में 4 हजार फुट की ऊंचाई पर बेजुबान पशु और पक्षियों के लिए तालाब का बनाया है. 89 वर्षीय कल्लूराम ने बताया कि 20 वर्ष की उम्र में जब वो पशुओं को चराने के लिए पहाड़ पर जाते थे तो वहां पानी का कोई प्रबंध नहीं था. उन्होंने बताया कि मन में संकल्प किया कि बेजुबान पशु और पक्षियों के लिए तालाब बनाना है, जिससे पशु व पक्षियों को पीने का पानी मिल सके.


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कल्लूराम ने कड़ी मेहनत करते हुए पहाड़ को काटकर 70 फुट लंबे और 65 फुट चौड़े तालाब का निर्माण किया जो युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है. कल्लूराम को तालाब बनाते समय क‌ई बार जंगली जानवरों का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. कल्लूराम ने बताया कि अगर इंसान कड़ी मेहनत करें तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. अटेला कलां गांव में कल्लूराम ने कड़ी मेहनत करते हुए 50 वर्ष में तालाब का निर्माण किया है.


कल्लूराम के बेटे वेदप्रकाश ने बताया कि मेरे पिता ने मेहनत करते हुए तालाब का निर्माण किया है. पिताजी में गौसेवा और पशु-पक्षियों के प्रति गहरी आस्था रही है. वर्तमान समय में 89 वर्ष की उम्र होने के बाद भी कड़ी मेहनत करते हैं और युवाओं को भी कड़ी मेहनत करने‌ के लिए प्रेरित करते हैं. 


वहीं सासंद चौधरी धर्मबीर सिंह ने भी कल्लूराम के कार्य की प्रशंसा की है और तालाब को पक्का करवाने और तालाब तक जाने के लिए 2 किलोमीटर तक का रास्ता बनवाने की घोषणा की है. धर्मसेना प्रदेशाध्यक्ष बलवान सिंह आर्य ने‌ बताया कि कल्लूराम आर्य समाज से प्रभावित होकर जनसेवा के कार्यों में प्रारंभ से ही लगे हुए हैं. साथ ही शाकाहारी भोजन का सेवन करते हुए कड़ी मेहनत का परिचय दिया. उन्होंने तालाब का निर्माण किया जो एक बहुत कठिन कार्य है.


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