चंडीगढ़ः हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा में कोरोना महामारी के दौरान व लॉकडाउन के समय प्रदेश में शराब चोरी की जांच से संबंधित लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का विस्तार से जवाब दिया. उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी तक की जांच के दौरान पाए गए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है. दुष्यंत चौटाला ने यह भी कहा कि रिपोर्ट अनुसार इसमें आगे जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा.


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डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट किया कि कोरोना महामारी में लगे लॉकडाउन के दौरान गोदाम से ठेके तक एक भी शराब की बोतल नहीं पहुंची थी. उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग द्वारा उठाए गए कदमों के कारण आज पारदर्शिता बढ़ी है और बीते तीन वर्षों में प्रदेश का आबकारी राजस्व 6200 करोड़ रुपये से बढ़कर 9600 करोड़ हो गया है. मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हुई यह बढ़ोतरी डेढ़ गुणा से ज्यादा है.


उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सदन को अवगत करवाया कि खरखौदा-मटिंडू रोड, सोनीपत में अस्थायी गोदाम में बरामद शराब के स्टॉक से चोरी के मामले की जांच करने के लिए वरिष्ठ आईएएस टीसी गुप्ता की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसईटी) का गठन किया गया, जिसने 30 जुलाई, 2020 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में जो अधिकारी व कर्मचारी दोषी पाए गये उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है. दोषी कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई के अलावा इस पूरे मामले की जांच राज्य सतर्कता ब्यूरो को दी गई है.


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डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि तत्कालीन हरियाणा पुलिस महानिदेशक द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) कला रामचंद्रन की अध्यक्षता में एक कमेटी का भी गठन किया गया. इस कमेटी ने पुलिस विभाग की अनियमितता, विफलता के बारे जांच की. इस रिपोर्ट के आधार पर 14 मामलों में 27 पुलिस कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की गई.


उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जांच के आधार पर आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा भी कार्यवाही की गई, जिसमें सात एईटीओ के खिलाफ नियम-7 तथा एक एईटीओ के खिलाफ नियम-8 के तहत चार्जशीट की गई है. उन्होंने बताया कि 27 मार्च,  2020 से 31 मार्च, 2020 की अवधि के दौरान परमिट स्वीकृत करने के मामले में 15 आबकारी इंस्पेक्टर के खिलाफ नियम- 7 के तहत चार्जशीट की गई है.


उपमुख्यमंत्री ने बताया कि अवैध शराब की बिक्री से होने वाले राजस्व के नुकसान को रोकने व विभाग की प्रणाली में सुधार के लिए अनेक कदम उठाए हैं. उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में सभी डिस्टिलरी एवं बॉटलिंग संयंत्रों में अत्याधुनिक cctv कैमरा प्रणाली स्थापित की गई है. साथ ही मुख्यालय में एक एकीकृत नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है और इन कैमरों से लाइव फीड मुख्यालय के साथ-साथ जिला स्तर के अधिकारियों को भी उपलब्ध करवाई जा रही है.


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डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि डिस्टिलरी और बॉटलिंग प्लांट में मास फ्लो मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.  इस संबंध में नियमों में आवश्यक संशोधन किए गए हैं. मास फ्लो मीटर की कार्यप्रणाली को और अधिक सुव्यवस्थित करने के लिए विभाग द्वारा मानक और गाइडलाइन्स निर्धारित किए जा रहे हैं. यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं कि शराब के परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहन जीपीएस सक्षम हो और इन वाहनों को ई-लॉक से भी बंद किया गया हो.


उन्होंने आगे कहा कि वहीं यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि शराब ले जाने वाले ऐसे वाहनों के सभी आउटलेट्स पर टेंपर  प्रूफ सील लगाई जाए. विभाग द्वारा शराब के संचालन की निगरानी के लिए ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम शुरू करने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है. उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि शराब की अवैध बिक्री न हो इसके लिए विभाग द्वारा नियमित रूप से शराब की दुकानों की चैकिंग की जा रही है.


दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राजस्व की सुरक्षा के लिए साल 2022-23 की आबकारी नीति में भारी मात्रा में अवैध शराब की बिक्री करने वाले ऐसे थोक लाइसेंस धारियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक प्रावधान किये गए हैं. विभाग सक्रिय रूप से ऐसे मामलों पर नजर रख रहा है और दोषियों से भारी जुर्माना वसूली कर रहा है. ऐसे मामलों में 2020-21 से अब तक 340 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है.


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डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने आगे बताया कि शराब की अवैध बिक्री पर और अंकुश लगाने के लिए जिला अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है कि जिले के सभी थोक लाइसेंस वाले परिसरों में CCTV कैमरे लगाए गए हो और DETC (आबकारी) को लाइव फीड उपलब्ध हो. शराब की अवैध बिक्री को रोकने के लिए लाइसेंसधारियों द्वारा बिल जारी करने के लिए अधिकतर शराब की दुकानों में प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनें स्थापित की जा चुकी है.


उन्होंने आगे कहा कि नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए शेष लाइसेंसधारियों के खिलाफ आबकारी नीति के प्रावधानों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है. उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि अवैध और नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा आबकारी अधिनियम, 1914 के प्रावधानों में संशोधन किया गया है. धारा-61 के प्रावधानों को और सख्त किया गया है.


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इसके अलावा, धारा 72-ए को मार्च, 2020 में संशोधन के माध्यम से जोड़ा गया है जिसके अनुसार जहरीली दवा या कोई अन्य सामग्री मिली शराब से अगर किसी की मृत्यु हो तो ऐसे मामलों में मृत्यु की सजा या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने यह भी बताया कि राज्य सतर्कता ब्यूरो (अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) द्वारा अब तक 214 शराब ठेकेदारों, आबकारी और कराधान विभाग के 111 अधिकारियों, कर्मचारियों, पुलिस विभाग के 869 राजपत्रित, अराजपत्रित अधिकारियों, कर्मचारियों तथा डिस्टिलरी, ब्रीवरीज और बॉटलिंग प्लांट से सम्बन्धित 46 व्यक्तियों के बयान दर्ज किये जा चुके है.


उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अपनी जांच जारी रखे हुए है और उचित कार्रवाई की जाएगी. उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव की एक सदस्यीय समिति का गठन 18 जुलाई, 2022 को किया गया है, जो सुझावों के साथ-साथ किए जाने वाले सुधारात्मक उपायों की पहचान करेगी.


(इनपुटः विनोद लांबा)