यह भाजपा की मानसिक हालत को भी दिखाती है कि इतनी प्रचंड बहुमत होने के बावजूद आज एक छोटी सी पार्टी को खत्म करने के लिए भाजपा पूरी तिलमिलाई हुई है और सारी एजेंसियों के सारे घोड़े आम आदमी पार्टी के पीछे छोड़ दिए हैं- राघव चड्ढा
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नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी को खत्म करने की कवायत में हमारे नेताओं पर फर्जी केस डालकर उन्हें जेल में बंद कर एक नई प्रकार की बदले की राजनीति बीजेपी ने शुरू की है, जिसकी पोल खोल हम आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से करेंगे. राघव चड्ढा ने कहा कि सीबीआई और ईडी के पास मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनगढ़ंत और मनोहर कहानियों के अलावा रत्ती भर भी सबूत नहीं हैं. किसी भी केस के लिए मोटे-मोटे तौर पर चार पांच पदार्थ चाहिए होते हैं.
उन्होंने कहा कि एक मजबूत के केस होना होता है. न केस है, न मेरिट है, न एविडेंस हैं, न रिकवरी है, न प्रोसीड्स मिले हैं. जब कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने इतने दिन तक मनीष सिसोदिया को रिमांड में लेकर पूछताछ की और अब उन्हें बेल देने जा रहे हैं. इस डर से एक और एजेंसी ईडी को लाकर मनीष सिसोदिया को बीजेपी ने गिरफ्तार करवा लिया. पिछले 7 दिनों से ईडी ने मनीष सिसोदिया को अपने मुख्यालय में रखा हुआ है.
जब इन्होंने रिमांड ली तो कहा कि हमें 10 दिन की पूछताछ करनी है. उन्हें 10 दिन के लिए हिरासत में रखना पड़ेगा. क्योंकि बहुत ही गंभीर सवाल पूछने हैं. बड़े-बड़े गवाहों से मनीष सिसोदिया का आमना-सामना करवाना है. कोर्ट ने ईडी की बात मानी और कहा कि 7 दिन में यह सारी कार्रवाई पूरी कर लो. आज मैं बताना चाहता हूं कि पिछले 7 दिनों में मनीष सिसोदिया ईडी के अफसरों ने मात्र 15 घंटे पूछताछ की है. यानी रोजाना 2 घंटे की औसत पूछताछ की गई है. दोपहर बाद शुरू करते हैं. चाय पीते-पीते 4-7 सवाल करते हैं और दिन समाप्त कर देते हैं.
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दूसरा उन्होंने कहा था कि हमें बड़े-बड़े गवाहों से मनीष सिसोदिया जी का आमना सामना कराना है. इसके लिए हमें मनीष सिसोदिया की डिमांड चाहिए. पिछले 7 दिनों में ईडी ने मात्र 3 लोगों से मनीष सिसोदिया का आमना-सामना कराया है. यह भी खानापूर्ति है क्योंकि इन 3 लोगों से आमना सामना कराने में कोई सवाल, कोई काम की चीज या केस से संबंधित चीज, आरोपों से संबंधित चीज नहीं पूछी गई. आज फिर कोर्ट में ईडी के वकील कहते हैं कि जिन लोगों से हमने उनका आमना-सामना कराया, उन्हीं लोगों से फिर आमना-सामना कराना है तो हमें 7 दिन और दे दो.
Senior AAP Leader & Rajya Sabha MP @raghav_chadha Addressing an Important Press Conference | LIVE https://t.co/ejkgGgyYaG
— AAP (@AamAadmiParty) March 17, 2023
यह दिखाता है कि मकसद सिर्फ इतना है कि कुछ भी करके मनीष सिसोदिया को जेल में रखो. वह बाहर न आने पाएं. आम आदमी पार्टी के नेताओं को फर्जी मुकदमा दर्ज करके जेल में डालो और उन्हें बाहर मत निकलने दो. कोर्ट में जाकर बोलो कि हमें जांच करनी है. जांच में आप कैसे बाधा अटका सकते हैं. जांच के लिए समय दीजिए. जब एक एजेंसी से दूसरी एजेंसी ने मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की तो हमने सोचा कि कोई नया सवाल पूछना होगा.
आपको जानकर अचंभा होगा कि आज तक एक नया सवाल मनीष सिसोदिया से नहीं पूछा. जो बेतुके सवाल सीबीआई ने पूछे और वही बेतुके सवाल ईडी पूछ रही है. मजाक चल रहा है? हमारे देश में इन्वेस्टिगेटिव एजेंसीज के यह हालात हैं? भारतीय जनता पार्टी, केंद्र में बैठी मोदी सरकार शायद एक मानसिक परेशानी से गुजर रही है, जिसके चलते फर्जी केस डालकर बदले की भावना से आम आदमी पार्टी के नेताओं को पकड़-पकड़ कर जेल में डाल रही है.
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बीजेपी सरकार के अंदर ईडी की क्या हालत है, इसके बारे में मैं आपको बताना चाहूंगा. 2014 से लेकर 2022 तक, पिछले 8 वर्षों में केंद्र में बैठी बीजेपी की मोदी सरकार की ईडी ने 3555 नए केस दर्ज किए. इन मुकदमों में सबूतों के आधार पर, गवाहों के आधार पर, केस कितना मजबूत है इसके आधार पर कुल मिलाकर पिछले 8 साल में कोर्ट ने मात्र 23 लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है. मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि यह पूरा केस एब्यूज ऑफ प्रोसेस ऑफ लॉ का एक क्लासिक एग्जांपल है.
यह भाजपा की मानसिक हालत को भी दिखाती है कि इतनी प्रचंड बहुमत होने के बावजूद आज एक छोटी सी पार्टी को खत्म करने के लिए भाजपा पूरी तिलमिलाई हुई है और सारी एजेंसियों के सारे घोड़े आम आदमी पार्टी के पीछे छोड़ दिए हैं कि एक-एक करके सबको जेल में डालो. मनीष सिसोदिया एक व्यक्ति का नहीं एक संस्था का नाम है. उन्होंने दिल्ली के 1800000 बच्चों का भविष्य बदलने का काम किया है. मैं भाजपा वालों से कहना चाहता हूं कि आपके कार्यकर्ताओं के बच्चे भी मनीष सिसोदिया के बनाए हुए दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं.
वह भी पूछते हैं कि पापा आपने मनीष अंकल को क्यों गिरफ्तार किया है? आपकी पार्टी ने हमारे भविष्य के साथ क्यों खिलवाड़ किया है? आप क्यों मनीष अंकल की जान के पीछे पड़े हुए हैं? मैं भाजपा से यही कहना चाहता हूं कि बदले की राजनीति को छोड़कर बदलाव की राजनीति करिए.
(इनपुटः बलराम पांडेय)