चंडीगढ़ः हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र का दूसरा चरण शुक्रवार से शुरू हो रहा है. विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने ऐसी योजना बनाई है, जिससे प्रत्येक विधायक को बजट पर चर्चा का अवसर मिलेगा. गुरुवार यानी की आज पत्रकार वार्ता कर उन्होंने मीडिया के साथ अपनी रणनीति सांझा की. विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही वास्तविक शासक है. अपने हितों की रक्षा के लिए जनता अपने प्रतिनिधि चुनकर सदन में भेजती है.


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उन्होंने कहा कि इसलिए लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए जरूरी है कि इन सभी प्रतिनिधियों को सदन में अपनी बात रखने का अवसर मिले. इसलिए उन्होंने योजना बनाई है कि बजट सत्र की अवकाश अवधि के बाद प्रत्येक सदस्य को बजट पर अपनी बात रखने का मौका मिले. सदन के समय का पूरी तरह से जनहित में सदुपयोग हो, इसके लिए सभी दलों के सदस्यों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी.


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गुप्ता ने कहा कि समय-समय पर हमें अपनी संसदीय परंपराओं की समीक्षा भी करनी चाहिए. हाल ही देखने में आ रहा है कि अनेक सदस्य ऐसे विषयों पर भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगा देते हैं, जिनका कोई तत्काल महत्व नहीं होता. उन्होंने सदस्यों से अपील की वे विधायी कामकाज की तकनीकियों को बारीकी से समझें और देखें कि कौन सा विषय सदन में किस ढंग से उठाया जा सकता है.


गुप्ता ने कहा कि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव तत्काल महत्व के विषयों पर ही उठाए जाने चाहिए. सरकार के नीतिगत निर्णयों को भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव से दूर रखना चाहिए. विस अध्यक्ष ने कहा कि शुक्रवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत प्रश्नकाल से होगी. इस दिन शून्यकाल भी होगा. बजट पर अनुदान की मांगों पर विचार करने के लिए हरियाणा विधान सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन सम्बन्धी नियमों के नियम 190(ख) के अंतर्गत 8 विभागीय संबंधित स्थायी समितियों की रिपोर्ट भी सदन में पेश होगी.


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बता दें कि 24 फरवरी से 16 मार्च तक सत्रावकाश रहा. इसी दौरान इन स्थायी समितियों ने संबंधित विभागों की अनुदान मांगों पर विचार कर रिपोर्ट तैयार की है. 17 मार्च से बजट पर व्यापक चर्चा होगी. 18 और 19 मार्च को राजकीय अवकाश है. 20 और 21 मार्च को भी बजट पर ही चर्चा होगी. 21 मार्च को ही मुख्यमंत्री इस पर विस्तृत जवाब देंगे. 22 मार्च का दिन विधायी कामकाज के लिए निर्धारित किया गया है. 


विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि इस सत्र के लिए 52 विधायकों की ओर से 339 तारांकित प्रश्न और 21 विधायकों की ओर से 185 अतारांकित प्रश्न विधान सभा सचिवालय को प्राप्त हुए हैं. इन सभी के लिए ड्रा निकाला जा चुका है. इसके साथ ही विधायकों से 71 ध्यानाकर्षण सूचनाएं, 2 कार्य स्थगन प्रस्ताव, 2 गैर सरकारी प्रस्ताव, 2 अल्पावधि प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं. सचिवालय को एक प्राइवेट सदस्य विधेयक तथा सरकार की ओर से 6 विधेयकों का प्रारूप भी मिला है.  


इन विधेयकों का प्रारूप मिला है विधान सभा सचिवालय को :


1. हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2023


2. हरियाणा पुलिस (संशोधन) विधेयक, 2022  (प्रवर समिति द्वारा यथा प्रतिवेदित)


3. पंडित लखमी चन्द राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक (संशोधन) विधेयक, 2023


4. हरियाणा विनियोग (संख्या 1) विधेयक, 2023


5. हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2023


6. हरियाणा विद्यालय शिक्षा (संशोधन) विधेयक, 2023


(इनपुटः विनोद लांबा)