Haryana News: सोमवार को हरियाणा कैबिनेट की अहम बैठक में 21 एजेंडे रखे गए, जिसमें 20 एजेंडों पर CM नायब सैनी ने अपनी स्वीकृति दे दी. इसमें फसलों को MSP पर खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी के साथ ही क्रीमी लेयर की के लिए वार्षिक आय सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये कर दी गई. हालांकि, कबिनेट बैठक में कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने को लेकर कोई बड़ा ऐलान नहीं किया गया है. 


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नायब सैनी सरकार ने कैबिनेट में इन प्रस्तावों पर लगाई मुहर


MSP को मंजूरी
कैबिनेट में फसलों को MSP पर खरीद के संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. CM ने रागी, सोयाबीन, काला सीड, जूट, खोपरा, मूंग, नाइजरसीड, सूरजमुखी, जौ, मक्का और ज्वार को MSP पर खरीद की मंजूरी दे दी. इसके साथ ही हरियाणा सभी फसलों को MSP पर खरीद करने वाला देश का पहला राज्य है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पड़ोसी राज्यों की सरकारों से भी की अपील की है कि वो किसानों के हित में आगे आकर कुछ फसलों की MSP पर खरीद करें. 


क्रीमी लेयर 
हरियाणा राज्य में पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों को क्रीमीलेयर से बाहर रखने संबंधी मानदंडों के प्रस्ताव को एक्स-पोस्ट फैक्टो की स्वीकृति दी है. हाल ही में CM सैनी ने क्रीमी लेयर के लिए वार्षिक आय सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये  का ऐलान किया था, जिसे मंजूरी मिल गई है. 


क्या है क्रीमी लेयर?
क्रीमी लेयर का शाब्दिक अर्थ होता है 'मलाईदार तबका'. इस लेयर के माध्यम से पिछड़ा वर्ग (OBC) में आने वाली जातियों को आर्थिक आधार पर बांटा जाता है. जो व्यक्ति इस लेयर के अंतर्गत आता है उसको सरकारी नौकरियों में OBC केटेगरी में मिलने वाले आरक्षण का लाभ नहीं मिलता.


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आबियाना खत्म करने को मंजूरी
सीएम सैनी ने बैठक में राज्य से आबियाना को खत्म करने को मंजूरी दे दी है. साथ ही किसानों पर आबियाना का लगभग 140 करोड़ रुपये बकाया भी माफ कर दिया है. 1 अप्रैल 2024 से अबियाना जमा करने के जो भी नोटिस किसानों को दिए गए थे, सरकार उन्हें वापस लेगी. साथ ही जिन किसानों ने आबियाना जमा कर दिया है उसे भी वापस किया जाएगा. आबियाना सिंचाई पर लगने वाला कर है, जो हरियाणा में अंग्रेजों के समय शुरू किया गया. 


मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया. हरियाणा धोलीदार, बूटीमार, भोंडेदार एवं मुकररीदार (स्वामित्व अधिकारों का निहित होना) नियम, 2011 में संशोधन को मंजूरी दी गई. संशोधन के बाद, धोलीदार, बूटीमार, भोंडेदार एवं मुकररीदार या उनके हित-उत्तराधिकारी, जिनका 20 वर्ष की समय सीमा पूरी हो गई है, वे अब मालिकाना हक के लिए कभी भी आवेदन कर सकते हैं.


कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने शहरी आवास योजना में संशोधन को मंजूरी दे दी. इससे शहरी आवास योजना के तहत प्लॉट लेने वाले आवेदकों को किस्त देने में होगी आसानी होगी. मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना विस्तार को भी आज कैबिनेट ने दी मंजूरी दे दी है. 


Input- Vijay rana