Panipat news: हरियाणा के सभी जिलों में डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. पानीपत में प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला अस्पताल इलाज के लिए पहुंची, लेकिन हड़ताल की वजह से डॉक्टर या नर्स किसी ने भी एक न सुनी. प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला ने अस्पताल के इमरजेंसी गेट के बाहर फर्श पर बच्चे को जन्म दिया. वहीं दूसरी ओर शुक्रवार देर रात सरकार और डॉक्टरों के बीच हुई वार्ता में दोनों के बीच मांगों को लेकर सहमति बन गई, जिसके बाद डॉक्टर्स ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है. 


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इलाज के तड़पती रही पीड़िता
शुक्रवार को पानीपत के सरकारी अस्पताल में प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला को इलाज के लिए लाया गया. गर्भवती महिला की हालत नाजुक थी, लेकिन हड़ताल के चलते डॉक्टरों ने महिला को रेफर कर दिया. वहीं सिविल हॉस्पिटल की नर्स महिला को इमरजेंसी गेट के फर्श पर ही बैठाकर चली गईं. परिजन इलाज के लिए डॉक्टर से गुहार लगाते रहे, लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों के हड़ताल पर होने की वजह से किसी ने उनकी बातें नहीं सुनी और महिला ने कुछ देर बाद फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया.


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गर्भवती महिला कंचन के पति दिनेश कुमार ने बताया कि पत्नी को प्रसव पीड़ा होने के बाद इलाज के लिए पानीपत के सामान्य अस्पताल लेकर पहुंचे थे. यहां डॉक्टरों ने हड़ताल के चलते उसे रेफर कर दिया. वो पत्नी को लेकर प्रसूति वार्ड से इमरजेंसी वार्ड तक ही पहुंचे थे, जिसके बाद साथ आई नर्स उन्हें वहीं छोड़कर चली गई. थोड़ी देर बाद कंचन ने फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया. इसके बाद इमरजेंसी स्टाफ की नर्सों को सूचित किया. बाद में अस्पताल स्टाफ ने आनन-फानन में जच्चा-बच्चा को प्रसूति वार्ड में शिफ्ट किया.


वहीं इस पूरे मामले में सीएमओ डॉ जयंत आहूजा का कहना है कि महिला की इच्छा पर डिलीवरी हुई है और वह हमारी इमरजेंसी के पास ही हुई है. हमारी दो महिला कर्मचारी उस समय महिला के साथ ही थीं और उसको एस्कॉर्ट कर रही थीं. अचानक से महिला को प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद डिलीवरी हो गई. अगर हॉस्पिटल स्टॉफ इस मामले में कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर उचित करवाई की जाएगी.


Input- Rakesh bhayana