Haryana Employment Scheme: ग्रामीण क्षेत्रों में भैंस, बकरी पालन रोजगार का एक अच्छा जरिया होने के साथ ही किसानों की आमदनी का मुख्य स्त्रोत भी है. खेती से अधिक आय किसानों को पशुपालन से ही होती है. पशुपालन के महत्व को देखते हुए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजना चला रही है, जिसके तहत इच्छुक व्यक्तियों को दुधारू पशु खरीदने के लिए भारी अनुदान दिया जा रहा है. इसके लिए आवेदन ऑनलाईन आवेदन मांगे गए हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Input: Delhi News: लैंडफिल साइट के मलबे से हो रहा DDA की जमीन का भराव, गैस से लोगों को हो रही परेशानी


 


हरियाणा की वेबसाइट सरल से ऑनलाईन फॉर्म भर सकते हैं. इसके लिए आवेदक आधार कार्ड, फेमली आईडी, पेन कार्ड, बैंक कॉपी, शेड की फोटो, खुद की फोटो, जाति प्रमाण पत्र लेकर CSC पर जाकर फॉर्म भरें. पशुपालन विभाग इनको वेरिफाई करके आवेदक को लोन देता है.


उपमंडल अधिकारी डॉक्टर प्रदीप कुमार ने ज़ी मीडिया से बातचीत में बताया कि पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के माध्यम से सरकार किसानों को खेती के साथ ही पशुपालन के लिए भी उन्हें प्रोत्साहित कर रही है ताकि किसानों की आय में इजाफा हो सकें. हरियाणा सरकार की ओर से भैंस, बकरी पालन पर अलग-अलग योजनाओं में सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है. इसके तहत अनुसूचित जाति को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है. वहीं जरनल कटेगरी को 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है.


हरियाणा सरकार से पशुपालक किसान इनको खरीदता है तो इसमें एसटी, एसटी वर्ग के पशुपालकों को एक भैंस की कीमत 80000 हजार रुपये दी जाती है. दो या तीन भैंस खरीदने पर उसे कुल कीमत का 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी.


इसके साथ इस योजना के तहत 50 दुधारू पशुओं की हाईटेक डेयरी बैंक के माध्यम से लोन स्वीकृत होने उपरान्त स्थापित करवाई जाती है. इस योजना के तहत स्वीकृत रुपये का ब्याज विभाग द्वारा लाभार्थी को प्रदान किया जाता है. इस योजना का उद्देश्य शहरी/ग्रामीण शिक्षित बेरोजगार युवक/युवतियों को बैंकों के माध्यम से ऋण दिलवाकर स्वरोजगार उपलब्ध करवाना और आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब परिवारों के लिए स्वरोजगार उपलब्ध करवाना है.


इस स्कीम के अन्तर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के परिवारों को 15 बकरी/भेड़ और एक नर खरीदने के लिए एक लाख रूपये का ऋण 90 प्रतिशत अनुदान पर दिलवाया जाता है. वहीं स्कीम के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के बरोजगार युवकों को सुअर पालन हेतू राशि अनुदान पर बैंकों से दिलवाया जाता है.


Input: Naveen sharma