हरियाणा में अगले महीने किसानों को 15 हजार प्रति एकड़ तक मिलेगा फसल मुआवजा
Crop Procurement: डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश में गेंहू खरीद के लिए 408, सरसों के लिए 102 और दालों की 11 मंडियां तैयार हैं. किसानों को 48 से 72 घंटों में फसल खरीद का पैसा दिया जाएगा. देरी होने की सूरत में सरकार 9% ब्याज देगी.
चंडीगढ़: हरियाणा में बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसल की गिरदावरी और मुआवजे को लेकर मनोहर लाल सरकार ने बड़ा फैसला किया है. मई महीने तक सरकार ने किसानों को खराब हुई फसल का मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं. इस काम में तेजी के लिए सरकार क्षतिपूर्ति सहायक नियुक्त करेगी. सरकार के मुताबिक बारिश से खराब हुई फसल के 500 एकड़ को क्षतिपूर्ति ब्लॉकों में बांटा गया है. हर क्षतिपूर्ति ब्लॉक में क्षतिपूर्ति सहायक नियुक्त होगा.
वह पटवारी के साथ मिलकर खराब हुई फसल की फोटो, लोकेशन, टाइम और स्टांप लगाने का काम करेगा. किसानों को जल्द और सही सहायता पहुंचाना सरकार का लक्ष्य है. सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों को क्षतिपूर्ति सहायक से संबंधित दिशा निर्देश दिए. आज हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की खराब फसलों की गिरदावरी, मुआवजे, फसलों की खरीद और हिसार एयरपोर्ट समेत कई मुद्दों पर की बातचीत की. साथ ही प्रदेश को कैसे और बेहतर बनाया जाए, इस बात पर भी उन्होंने प्रेस वार्ता में अपने विचार साझा किए.
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उन्होंने बताया कि बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि से किसानों का काफी नुकसान हुआ है. सरकारी पोर्टल से 16 लाख 83 हजार एकड़ फसलों के खराब होने का आंकड़ा सामने आया है.
SDRF के फंड से दिया जाएगा मुआवजा
75 से 100% फसल नुकसान वाले किसानों को 15 हजार प्रति एकड़, 50 से 75% फसल नुकसान वाले किसानों को 15 हजार प्रति एकड़ और 25 से 50% फसल नुकसान वाले किसानों को 9 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा. किसानों को मुआवजा स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (SDRF) के फंड से दिया जाएगा.
क्षतिपूर्ति पोर्टल पर कल तक दर्ज कराएं ब्योरा
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपनी जानकारी दर्ज कराएं. उन्होंने क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 9 अप्रैल तक सारा ब्योरा देने की अपील की. कई जिलों जैसे चरखी दादरी, रेवाड़ी आदि जिलों में सबसे ज्यादा फसलों का नुकसान हुआ है, वहां गिरदावरी जारी है.
फसल खरीद में देरी पर मिलेगा 9% ब्याज
उन्होंने कहा, प्रदेश में गेंहू खरीद के लिए 408, सरसों के लिए 102 और दालों की 11 मंडियां तैयार हैं. डेढ़ लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में पहुंचा है, जिसमें से 1.3 लाख टन ही रखा जा सका है. किसानों को 48 से 72 घंटों में फसल खरीद का पैसा दिया जाएगा. देरी होने की सूरत में सरकार 9% ब्याज देगी. अकाउंट नंबर गलत होने पर ब्याज नहीं मिलेगा. 3 टियर कोलोब्रशन करके फसलों की गिरदावरी कराई जा रही है, ताकि किसी भी किसान के साथ अन्याय न हो.