Haryana Flood: हरियाणा में नदियों के बढ़ते जलस्तर की वजह से पूरे प्रदेश में बाढ़ का सितम देखने को मिल रहा है, कई गांव बाढ़ की चपेट में  हैं. किसानों की हजारों एकड़ की फसल बर्बाद हो गई है. बाढ़ के हालातों के बीच अब सियासत भी तेज हो गई है. दिल्ली के बाद अब हरियाणा की बाढ़ के लिए भी AAP मनोहर सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. आज हरियाणा AAP उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने प्रेस वार्ता कर मनोहर सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए, साथ ही कहा कि अगर सरकार लापरवाही नहीं करती तो  90% नुकसान को बचाया जा सकता था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हरियाणा AAP उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने प्रेस वार्ता कर मनोहर सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए, उनहोंने कहा कि सरकार की आपदा से निपटने की कोई तैयारी नहीं थी. यही वजह है कि सभी को बाढ़ का सितम झेलना पड़ा. अगर सरकार लापरवाही नहीं करती तो  90% नुकसान को बचाया जा सकता था.


अनुराग ढांडा ने कहा कि AAP नेता लगातार लोगों के बीच जाकर उनके दुख-दर्द को जानने का प्रयास कर रहे हैं. मैं खुद भी कुरुक्षेत्र, करनाल, शाहबाद, यमुनानगर, टोहाना, रतिया आदि बाढ़ग्रस्त इलाकों में गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री के गांव गांव में जाने का भी कोई रास्ता नहीं था, जिसकी वजह से वहां कोई प्रशासनिक मदद नहीं पहुंची थी. प्रदेश के लगभग 1300-1400 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. जिसमें से लगभग 150 गांवों के रास्ते कट गए हैं, सरकार इन गांवों को एक बोट भी मुहैया नहीं करा सकी, यह शर्मनाक है. इसके साथ ही बाढ़ के बाद फैलने वाली बीमारियों पर भी चिंता व्यक्ति की.


बाढ़ को रोका जा सकता था?
अनुराग ढांडा ने प्रदेश सरकार पर बाढ़ रोकने के उचित इंतजाम नहीं करने का आरोप लगाया. अनुराग ढांडा ने कहा कि यमुना नदी के किनारों पर तटबंधों को मजबूत करने के लिए साल 1978 से लेकर अब तक कोई काम नहीं किया गया, जिसकी वजह से 8 जगहों पर यमुना का तटबंध टूटा. पहले 4 जगह करनाल, उसके बाद फिर 2 जगह करनाल और पानीपत के बीच में, 2 जगह पानीपत और सोनीपत के बीच में यमुना का तटबंध टूटा है. 


ये भी पढ़ें- Haryana Flood: हरियाणा में बाढ़ से बिगड़ते हालात, हिसार में बालसमंद नहर टूटी, फतेहाबाद में NH9 तक पहुंचा पानी


घग्गर के बारे में बताते हुए अनुराग ढांडा ने कहा कि इसका हाल भी यमुना की ही तरह है, जहां-जहां घग्गर का तटबंध टूटा वहां-वहां बाढ़ आई है. तटबंधों को मजबूत करने के लिए कोई काम नहीं किया गया. अगर ऐसा किया जाता तो बाढ़ को रोका जा सकता था. 


सरकार ने पिछले पांच सालों में आपदा प्रबंधन के लिए करीब 2000 करोड़ का बजट पारित किया, लेकिन वो बजट कहां गया. प्रदेश में सरकार की नाक के नीचे अवैध खनन चल रहा है और इसलिए आज तक यमुना के तटबंधों को पक्का नहीं किया गया. हरियाणा सरकार ने हथिनीकुंड बैराज से पूर्वी और पश्चिमी नहर में पानी नहीं छोड़ा. कहा कि नहरें बंद हो सकती हैं लेकिन आपातकाल में पानी छोड़ा जाना चाहिए था. जब हमने इस मुद्दे को उठाया तो बाद में पानी छोड़ दिया गया. दिल्ली में कहीं भी यमुना का तटबंध नहीं टूटा, क्योंकि वहां यमुना पर काम किया गया है. पंजाब सरकार ने आपदा को लेकर युद्ध स्तर पर काम किया. पंजाब के CM भगवंत मान ने अपनी जान को जोखिम में डाल कर मुश्किल हालात में लोगों तक पहुंचकर उनकी मदद की. 


Input- Vijay Rana