जय कुमार/सिरसा: हरियाणा के सिरसा जिले के चौटाला गांव के लोग 21 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. सरकार के द्वारा मांगे न माने जाने पर अब ग्रामीणों ने जन चेतना यात्रा की शुरुआत की है, जो 26 दिसंबर को चंडीगढ़ पहुंचेगी और हरियाणा विधानसभा का घेराव करेगी.


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सिरसा से चंडीगढ़ तक पदयात्रा
चौटाला के समुदायिक हॉस्पिटल में 21 दिनों से धरने पर बैठने के बाद ग्रामीणों ने चंडीगढ़ विधानसभा को घेरने का फैसला किया है. जनचेतना यात्रा के रूप में ग्रामीण पैदल चौटाला गांव से चंडीगढ़ तक का सफर तय करेंगे. ट्रैक्टर ट्रॉली में राशन और पैदल हाथ में तिरंगा लेकर ये यात्रा की जाएगी. चंडीगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान घेराव व प्रदर्शन किया जाएगा और अघर सरकार तब भी मांगे नहीं मानती तो अनिश्चितकाल के लिए विधानसभा के बाहर धरना चलेगा. 


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इन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण
चौटाला गांव के उप सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शिशु रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ, एमबीबीएस के रिक्त पदों को भरने,सभी प्रकार की जाचें शुरू करने सहित अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग को लेकर 1 दिसंबर से ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं. 


आंदोलनकारियों का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश फगोडिया ने कहा कि जन चेतना यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. गांव में डोर टू डोर लोगों को निमंत्रण दिया गया है, इस यात्रा के लिए आम जनता के साथ-साथ नौजवानों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. 


प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के साथ-साथ किसानों की मुख्य लड़ाई क्रॉप कटिंग आधारित फसल बीमा क्लेम को लेकर भी आम जनता में अलख जगाने का काम करेंगे. इसके साथ ही पटवार भवन (तहसील मुख्यालय) में आमजन की जेब पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जो डाका डाला जाता है, उसके विरोध में भी आमजन लामबंद होंगे.  भ्रष्टाचार मुक्त इलाका ही हमारा संकल्प है.


प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि स्थानीय प्रशासन और सरकार जन चेतना यात्रा में खलल डालने की कोशिश कर रही है. आमजन को गुमराह किया जा रहा है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.अस्पताल में प्रसूति रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ की तुरंत नियुक्ति, सभी रिक्त पदों को भरने और मोर्चरी एवं ऑपरेशन थिएटर को तत्काल शुरू करने से कम हमें कुछ भी मंजूर नहीं है. प्रशासन दो चिकित्सक लगाकर इस आंदोलन को समाप्त करवाना चाहता है, जो संभव नहीं है. अब वार्ता चंडीगढ़ में ही करेंगे. प्रशासन और सरकार किसी भी हालत में जन चेतना यात्रा को रोक नहीं पाएगी.


 इस यात्रा में पड़ोसी राज्य राजस्थान के सगंरिया और हनुमानगढ़ के लोग भी शामिल होंगे. इसके साथ-साथ संयुक्त किसान मोर्चा के नेता रवि आजाद अपने साथियों के साथ यात्रा में शामिल रहेंगे. साथ ही कई अन्य किसान नेता भी इस यात्रा में साथ चलेंगे. जन चेतना यात्रा का मुख्य उद्देश्य आम जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है.