गीता महोत्सव में चार पीढ़ियों के कलाकार एक साथ डोगरी कुड़ नृत्य से पढ़ा रहे दर्शकों को संस्कृति का पाठ
गीता फेस्टिवल में देश के अलग-अलग राज्यों से आए कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. जम्मू का डोगरी कुड़ नृत्य यहां लोगों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है, इस नृत्य में चार पीढ़ियां एक साथ प्रदर्शन करती हैं,
दर्शन कैत/कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में शनिवार को CM मनोहर लाल ने इंटरनेशनल गीता फेस्टिवल (International Gita Festival) का उद्घाटन किया. 19 नवंबर से 6 दिसम्बर तक चलने वाले इस आयोजन में देश के अलग-अलग राज्यों के साथ ही, विदेशी शिल्पकार भी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. इस मेले के माध्यम से हरियाणा की संस्कृति को देशभर के लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.
जम्मू का डोगरी कुड़ नृत्य बना आकर्षण का केन्द्र
गीता फेस्टिवल में जम्मू का डोगरी कुड़ नृत्य लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, इस नृत्य में चार पीढ़ियां एक साथ प्रदर्शन करती हैं, जिसे देखकर लोग अपने दांतों तले उंगलियां दबाते नजर आते हैं. इस नृत्य को करने वाले कलाकारों की पीढ़ी के सबसे बड़े व्यक्ति नृत्य संचालक सतवीर को राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है.
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कलाकार रणबीर ठाकुर बताते हैं कि यह कुड़ नृत्य फसल काटने या किसी अन्य खुशी के अवसर पर किया जाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि आज कि युवा पीढ़ी इंस्टाग्राम रील देखने में व्यस्त है, लेकिन उन्हें अपनी लुप्त होती संस्कृति पर भी ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके परदादा, दादा, पिता और वो चारों पीढ़ियों के लोग नृत्य करके अपनी संस्कृति को बढ़ावा देते हैं.
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कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्य सौरभ चौधरी ने बताया कि आज अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का दूसरा दिन है. यहां पर लगातार देश के सभी हिस्सों और विदेशों से लोग पहुंच रहे हैं और अलग-अलग तरह से कलाकार अपनी कला को दिखा रहे हैं. कोरोना महामारी के 2 साल के बाद हो रहे इस आयोजन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. वहीं इस आयोजन में शामिल होने दूर-दूर से आए लोगों ने भी इस आयोजन की तारीफ की.