विजय राणा/चंडीगढ़: हरियाणा में अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों का विवाद लंबे समय से चला आ रहा है. स्कूल प्रबंधकों द्वारा सरकार के तय नियमों को पूरा नहीं करने पर पिछले साल 1338 स्कूलों को एक्सटेंशन नहीं दी गई थी. इसके बावजूद स्कूल संचालकों ने उन कक्षाओं में न केवल दाखिले करे, बल्कि उन्हें पढ़ाया भी, जिनके बारे में उनके पास मान्यता नहीं थी. प्रदेश में 1338 स्कूलों पर एक बार फिर से तलवार लटक गई है. शिक्षा निदेशालय के जारी पत्र के बाद यह साफ हो गया है कि प्रदेश में अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल या तो बंद होंगे या फिर उनमें केवल वही कक्षाएं चलेंगी, जिनकी मान्यता उनके पास है.


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बता दें कि हरियाणा सरकार ने अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत शिक्षा विभाग की ओर से आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि नए शिक्षा सत्र के दौरान स्कूल संचालक सभी कक्षाओं के दाखिले नहीं कर सकेंगे. ये स्कूल केवल उन्हें ही दाखिला दे सकेंगे, जिनकी मान्यता इनके पास है. सरकार द्वारा जारी पत्र में साल-दर-साल मान्यता लेने वाले स्कूल बिना स्थाई मान्यता प्राप्त कक्षाओं में अब दाखिला नहीं कर पाएंगे. 


वहीं सरकार ने इसके लिए स्कूल शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी डीसी को पत्र लिखा है, जिसमें निर्देश दिए हैं कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 में अराजकीय स्कूलों को साल-दर-साल दी जाने वाली अस्थाई मान्यता CM के अनुमोदन पर इस शर्त पर दी गई थी कि संबंधित स्कूल आगामी शैक्षणिक सत्रों में केवल उन्हीं कक्षाओं में छात्रों का दाखिला करेंगे, जहां तक वह स्कूल स्थाई मान्यता प्राप्त हैं.


वहीं वे स्कूल उन कक्षाओं में छात्रों का दाखिला नहीं कर पाएंगे, जिनके पास उन कक्षाओं की स्थाई मान्यता नहीं है. वहीं सरकार ने पत्र के जरिये जिलों के सभी जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि आने वाले सत्र में कोई भी निजी स्कूल उन कक्षाओं में दाखिला न करे, जिनको निदेशालय ने स्थाई मान्यता नहीं दी है.