Prime Minister Poshan Yojana: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. सरकार ने प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत बच्चों को दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों की कीमत में संशोधन किया है. इस कदम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को बेहतर और गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध कराना है.


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सरकार ने खाद्य सामग्री की लागत में लगभग 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. यह संशोधन विशेष रूप से प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए लागू होगा. महानिदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा ने इस संबंध में सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं. 


केंद्र और राज्य सरकार के बीच 60:40 के अनुपात में भोजन के लिए लागत का वितरण किया जाएगा. बाल वाटिका और प्राइमरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए अब प्रति बच्चा प्रतिदिन 6.19 रुपये और उच्च प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों के लिए 9.29 रुपये की लागत निर्धारित की गई है. 


रोहतक के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलजीत सिंह ने बताया कि प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता में सुधार होगा. सरकार द्वारा गेहूं और बाजरा जैसे अनाज की आपूर्ति की जाती है, जबकि अन्य सामग्री जैसे सब्जियां, मसाले और तेल के लिए राशि बढ़ाई गई है. 


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वर्ष 2024-25 के लिए एक दिसंबर 2024 से लागू होने वाले नए दरों के अनुसार, बाल वाटिका और प्राइमरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए 6.19 रुपये की लागत में से 3.71 रुपये केंद्र और 2.48 रुपये राज्य सरकार द्वारा दिए जाएंगे. इसी तरह, उच्च प्राथमिक कक्षा के लिए 9.29 रुपये में से 5.57 रुपये केंद्र और 3.72 रुपये राज्य सरकार द्वारा दिए जाएंगे.  


इस नई पहल से हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर और पौष्टिक भोजन मिलेगा, जिससे उनकी सेहत और पढ़ाई में सुधार होगा. यह कदम न केवल बच्चों के पोषण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि उनके समग्र विकास में भी सहायक सिद्ध होगा. 


क्या है प्रधानमंत्री पोषण योजना ?
प्रधानमंत्री पोषण योजना का उद्देश्य देश में पोषण की स्थिति को सुधारना है. यह योजना महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है. इसके तहत, पोषण संबंधित जागरूकता कार्यक्रम, आहार सुरक्षा, और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया जाता है. योजना का मुख्य लक्ष्य कुपोषण को कम करना और लोगों को सही पोषण के महत्व के प्रति जागरूक करना है. इसके माध्यम से, सरकार ने विभिन्न पहल की हैं, जैसे कि पोषण आहार वितरण और स्वास्थ्य जांच. इस योजना के सफल कार्यान्वयन से भारत में पोषण स्तर में सुधार होने की उम्मीद है.