फरार होने के लिए दुश्मन से दोस्त बने कैदी, जानें सिरसा के `जय-वीरू` ने ऐसे रची थी भागने की साजिश
हरियाणा के सिरसा नागरिक अस्पताल से फरार हुए कैदियों ने फिल्म शोले की तर्ज पर जेल में ही साजिश रची थी. शोले में जैसे जय और वीरू ने साजिश रची थी उसी की तर्ज पर उन दोनों कैदियों ने फरार होने का प्लान बनाया था.
चंडीगढ़: सिरसा के नागरिक अस्पताल से फरार हुए दो कैदियों से जुड़ी खबर सामने आई है. दोनों कैदियों ने फरार होने की साजिश जेल में ही रच ली थी, क्योंकि फरार होने के दौरान दोनों ने साथ मिलकर पुलिसकर्मी पर हमला किया और भागने में भी एक दूसरे की मदद भी की. इससे ये साफ जाहिर होता है कि दोनों ने पहले ही साजिश रचकर इस घटना को अंजाम दिया.
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कैदियों की यह साजिश इस फिल्म के सीन से मिलती जुलती है. अपको याद होगा 70 के दशक की सुपरहिट फिल्म शोले के बारे में. इसमें एक सीन था, जिसमें जय और वीरू जेल से फरार होने के लिए साजिश रचते हैं. इसके बाद दोनों घटना को अंजाम देकर जेल से फरार हो जाते हैं. हालांकि ये दोनों जेल से तो फरार नहीं हुए हैं, लेकिन उसी तर्ज पर उन दोनों कैदियों ने अस्पताल से फरार होने की घटना को अंजाम दिया. जानकारी के अनुसार उन दोनों कैदियों ने भी 7 अगस्त को मारपीट की. इस दौरान दोनों को चोट लग गई, जिस कारण पुलिस ने शहर के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया.
इस दौरान इनकी सुरक्षा ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी कृष्ण कुमार ने बताया कि बंदी वार्ड में तीन कर्मचारियों की ड्यूटी थी, लेकिन उस वक्त एक कर्मचारी कपड़े बदलने गया था और दूसरा सो रहा था. वहीं दोनों कैदियों ने एक साथ शौचालय जाने के लिए बोला तो उसने दोनों की हथकड़ियां खोल दी. इसके बाद वो दोनों शौचालय से निकले तो दोनों के हाथ में लाठी थी. उन्होंने लाठी से हमला कर पुलिसकर्मी को बेहोश कर दिया. इसके बाद दोनों फरार हो गए.
बता दें कि फरार होने के दौरान पुलिसकर्मी की बचाओ-बचाओ की आवाज सुनकर वार्ड में उपस्थित मरीजों के तीमारदार भी वहां पर जमा हो गए. उनके पास हथियार होने की वजह से कोई उन्हें पकड़ने के लिए आगे नहीं बढ़ा. वहीं अस्पताल में रात के समय एक या दो सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते हैं. इस वजह से भी कैदी आसानी से फरार हो सके.