पक्की नौकरियां, दलित और पिछड़ों का आरक्षण खत्म कर रही है सरकार, क्योंकि निगम की भर्तियों में आरक्षण का प्रावधान नहीं- हुड्डा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कौशल निगम योजना भर्ती को लेकर बोले- सरकार पक्की नौकरियां व दलित और पिछड़ों का आरक्षण भी खत्म कर रही है. क्योंकि निगम की भर्तियों में किसी तरह के आरक्षण का प्रावधान नहीं रखा गया.
चंडीगढ़ः कौशल निगम में भर्तियों के नाम पर सरकार युवाओं के साथ धोखा कर रही है. ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का. हुड्डा ने कौशल निगम की भर्तियों में अनियमितता करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सरकार द्वारा निगम के जरिए ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है. यह योजना कम वेतन में पढ़े-लिखे युवाओं का शोषण करने के लिए बनाई गई है. कांग्रेस सरकार के दौरान ठेका प्रथा को खत्म करने की शुरूआत की गई थी, लेकिन उसे आगे बढ़ाने की बजाए बीजेपी-जेजेपी ने तो खुद ही ठेकेदारी की दुकान खोल दी.
हुड्डा ने कहा कि निगम के जरिए होने वाली भर्तियों में किसी भी तरह की पारदर्शिता नहीं बरती जा रही. हाल ही में हुई TGT और PGT की भर्ती को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं. ना सरकार द्वारा भर्ती का क्राइटेरिया तय किया गया और ना ही भर्ती के नियम. आनन-फानन में बिना किसी प्रक्रिया की पालना किए भर्ती कर दी गई. ऐसा करके सरकार पक्की नौकरियां व दलित और पिछड़ों का आरक्षण भी खत्म कर रही है. क्योंकि निगम की भर्तियों में किसी तरह के आरक्षण का प्रावधान नहीं रखा गया.
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को यह ठेका प्रथा बंद करके पक्की भर्तियां करनी चाहिए. हरियाणा के अलग-अलग विभागों में 1,82,000 पद खाली पड़े हुए हैं. आज हरियाणा का युवा देश में सबसे ज्यादा 30.6% बेरोजगारी दर झेल रहा है. कई साल से बेरोजगारी के मामले में हरियाणा टॉप पर है, लेकिन सरकार युवा को रोजगार देने के लिए तैयार नहीं है. सरकार के ढुलमुल रवैये के चलते कई महीने से पुलिस भर्ती कोर्ट में लटकी पड़ी है. भर्ती जल्द पूरी करवाने की मांग को लेकर अभ्यार्थी कई दिनों से पंचकूला में धरना दे रहे हैं.
सरकार को जल्द से जल्द इन युवाओं को जॉइनिंग देनी चाहिए. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उस किसी खामी के चलते कोई भर्ती दोबारा कोर्ट में ना लटके. मौजूदा सरकार की कई भर्तियां कोर्ट में लटकी हैं. कई भर्तियों को बाद में कैंसिल भी कर दिया गया. ऐसा करके सरकार युवाओं को मानसिक व आर्थिक तौर पर प्रताड़ित करती है.