चंडीगढ़: हरियाणा में जरूरतमंदों के सिर पर छत मुहैया करवाने की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप हाऊसिंग फॉर ऑल विभाग एक मजबूत फ्रेमवर्क तैयार कर रहा है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल का ध्येय है कि प्रदेश में कोई भी नागरिक ऐसा न हो, जिसके सिर पर छत न हो. इसलिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पात्र लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जल्द से जल्द घर बनाकर दिए जाएं.


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इतना ही नहीं इन-सीटू स्लम पुनर्विकास घटक के तहत गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला या अन्य जिलों में भी स्लम एरिया को चिह्नित कर एक योजना तैयार की जाएगी.  इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए शीघ्र-अतिशीघ्र केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.


मुख्य सचिव संजीव कौशल ने यह जानकारी आज यहां हाऊसिंग फॉर ऑल विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक के दौरान दी. बैठक में कौशल ने शहरी और ग्रामीणा क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को घर प्रदान करने की प्रगति की समीक्षा की.


लाभार्थी जोड़ने के लिए केंद्र सरकार को लिखा जाएगा पत्र
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए क‌हा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत हितग्राही द्वारा स्वयं आवास निर्माण (BLC) घटक के तहत पिछले वर्षों में हुए सर्वे में कुछ गलतियां पाई गईं. हरियाणा सरकार ने वास्तविक पात्र लाभार्थियों की पहचान करने के लिए परिवार पहचान पत्र में दर्ज डाटा के आधार पर सर्वे करवाया है. इसलिए इस सर्वे के परिणामस्वरूप प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बीएलसी घटक में नए लाभार्थी जोड़ने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा जाएगा.


निकायों में मकानों की प्रगति की समीक्षा के लिए हर महीने की जाए बैठक
कौशल ने सख्त रूख अपनाते हुए शहरी स्‍थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि निकायों में वर्तमान में जो मकान निर्माणाधीन है. उनके कार्यों में तेजी लाई जाए, ताकि जल्द से जल्द मकान बनाकर लाभार्थियों को दिए जा सकें. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बीएलसी घटक के तहत मकानों के निमार्ण के लिए दी जाने वाली सब्सिडी के वितरण प्रक्रिया को भी सुदृढ़ किया जाए. एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए और उसकी जिम्मेदारी तय ‌की जाए.


वहीं कौशल ने निर्देश दिए कि सभी स्‍थानीय निकायों में मकानों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा करने के लिए सभी निकायों की मासिक बैठक की जाए. विकास एवं पंचायत विभाग तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रशा‌सनिक सचिव संयुक्त रूप से निकायों की बैठक लें. पीएमएवाई-अर्बन के तहत बनाए जा रहे मकानों के निर्माण की समीक्षा करें.


लाभार्थियों को दी गई 462 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता
बैठक में कौशल ने बताया कि वर्ष 2017 में घरों की मांग के आंकलन के लिए सर्वे करवाया गया था, जिसमें 2,48,657 आवेदनों को पात्र पाया गया था. इनमें से पीएमएवाई-अर्बन के तहत 1,18,016 घरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया. बीएलसी घटक के तहत, 12,238 घर बनाये जा चुके हैं और 15,930 घर निर्माणाधीन हैं. इस दौरान लाभार्थियों को घरों के निर्माण के लिए 462.24 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई. इसके अलावा क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना के तहत 39,267 लाभार्थियों को 7702 करोड़ रुपये से अधिक के होल लोन मंजूर किए गए और 854.32 करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी प्रदान की गई.


बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 2016-17 से 2020-21 तक की अवधि के लिए भारत सरकार द्वारा दिए गए 21,699 घरों के लक्ष्य के विरुद्ध 20,922 घरों का निर्माण किया जा चुका है. केवल 750 घर निर्माणाधीन है. वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र सरकार ने 8038 घरों का लक्ष्य दिया था, जिसमें से 6571 मकानों की सेंक्‍शन मिल चुकी है. 605 घर बनाए भी जा चुके हैं. लाभार्थियों को घरों के निर्माण के लिए लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से 338.86 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्ष 2022-23 के लिए 20 हजार और घरों की मांग केंद्र सरकार को भेजी जाए.


बैठक में हाऊसिंग फॉर ऑल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल ‌मलिक, शहरी स्‍थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरूण कुमार गुप्ता, हाऊसिंग फॉर ऑल विभाग के महानिदेशक अजीत बालाजी जोशी और हाऊसिंग फॉर ऑल विभाग के अतिरिक्त निदेशक विराट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.