चंडीगढ़ः हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा में MBBS पाठयक्रम में आयुर्वेद को भी शामिल किया जायेगा. MBBS की डिग्री के तहत 4 साल विद्यार्थी एलोपैथिक की पढ़ाई करेगा, वहीं एक साल आयुर्वेद की पढ़ाई करेगा, इसके लिए एक टीम का गठन किया गया है जो कोर्स को तैयार करने का काम करेंगी. उन्होंने कहा कि जिस देश के लोग मजबूत होते हैं उनका राष्ट्र मजबूत होता है.


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आयुष विभाग को अलग विभाग बनाकर दर्जा दिया गया


विज ने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा इस दिशा में बहुत काम किया जा रहा है. हम लोगों को योग की ओर आकर्षित कर रहे हैं. कल ही कैबिनेट बैठक में आयुष विभाग को अलग विभाग बनाकर दर्जा दे दिया है ताकि यह विभाग भी दूसरे विभागों की तर्ज पर आगे आ सके और इसकी अलग पहचान हो और जो भी कार्य इस विभाग द्वारा करने है वह किया जा सके. योग को आगे ले जाने के लिए हरियाणा में योग-आयोग बनाया गया है. हमने संकल्प लिया है कि हरियाणा प्रदेश के 6500 गावों में योगशालाएं बनें. इसके दृष्टिगत 1000 योगशालाएं बना दी गई हैं, बाकी पर काम चल रहा है.


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मैडिशन को बढावा देने के लिए आयुष विश्वविद्यालय बनाया


अनिल विज बोले कि अल्टरनेट मैडिशन को बढावा देने के लिए आयुष विश्वविद्यालय बनाया गया है. आयुष के पांच विंग है, जिसमें आयुर्वेद, योगा, सिद्धा, युनानी व होम्योपैथी शामिल है. इन पांचों विंगों पर कार्य किया जा रहा है. कुरूक्षेत्र में आयुष विश्वविद्यालय खोला गया है. वहां पर 100 एकड़ जगह ली गई है जहां पर बिल्डिंग का निर्माण किया जायेगा. दूर-दूर से लोग यहां आकर हरियाणा में इसकी शिक्षा लेंगे.


पंचकूला में 270 करोड़ की लागत बनेगा आयुर्वेद संस्थान


उन्होंने बताया कि पंचकूला में लगभग 270 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान बनाया जा रहा है. दिसंबर में तक यह बनकर तैयार हो जायेगा. यहां पर 250 बैड का अस्पताल भी बनाया जायेगा तथा यहां 500 डॉक्टर बनकर निकलेंगे. उन्होंने कहा कि नूंह में यूनानी कॉलेज बनाया गया है तथा अंबाला छावनी में होम्योपैथिक कॉलेज व देवरखाना में प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल बनाया जा रहा है. उन्होंने कि 569 आयुष हैल्थ वैलनेस सेंटर, 4 आयुर्वेदिक अस्पताल, 6 आयुष प्राथमिक स्वास्थ्य अस्पताल, 19 युनानी अस्पताल, 26 होम्योपैथिक, 21 आयुष विंग हैं तथा हरियाणा के हर जिला अस्पताल में आयुष विंग है.


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एलोपैथिक के साथ आयुर्वेदिक दवाईयों का भी होगा प्रयोग


उन्होंने कहा कि आयुष के बजट में भी हर साल दर साल आयुष को बढ़ावा देने के लिए कार्य करते हैं. विज ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश में अन्य दवाईयों की तर्ज पर आयुर्वेदिक दवाईयों को भी आजमाना चाहिए. एलोपैथिक दवाईयों के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाईयों का भी प्रयोग करना चाहिए. हमारा मकसद है कि मरीज का जिस दवाई से बेहतर इलाज हो सकता है उसे प्रयोग किया जाए.


एलोपैथिक व आयुर्वेदिक में इंटीग्रेशन होना चाहिए


आयुष मंत्री ने यह भी कहा कि एलोपैथिक व आयुर्वेदिक में इंटीग्रेशन होना चाहिए, इनकी जो आपस में खींचतान है वह खत्म होनी चाहिए. क्योंकि हमें संबंधित मरीज को बेहतर इलाज उपलब्ध करवाना है. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे बुजुर्गों को पहले से ही पता था कि हमारी जो प्राचीन आयुर्वेद पद्धति थी जैसे हल्दी, सौंफ, दालचीनी उसमें मैडिसन गुण है.


उन्होंने आगे कहा कि इनका प्रयोग करने से हम बीमार होने से बचते थे यानि हमारी नस्ल को आज तक बची हुई है उसका एक कारण यह यह प्राचीन पद्धति है, जिस प्रकार डॉक्टर एलोपैथिक दवाई लिखने से पहले टेस्ट करता है, उसी प्रकार आयुर्वेदिक दवाईयों का भी ट्रायल करना चाहिए, साईंस तरीके से इसका टेस्ट होना चाहिए यानि आयुर्वेद को बढ़ावा मिलना चाहिए. हम आयुर्वेद को बढ़ावा देना चाहते हैं.


आयुर्वेद हमारी प्राचीन विद्वा


उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हमारी प्राचीन विद्वा है, हमें उसका भरपूर लाभ उठाना है. आयुष एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि हम चाहते हैं कि एमबीबीएस की जो पढ़ाई है उसमें आयुर्वेद को भी शामिल किया जाए, इसके लिए कार्य किया जायेगा ताकि आयुर्वेद विद्वा का भी हम भरपुर लाभ उठा सकें.


सूर्य शक्ति का स्त्रोत है


उन्होंने कहा कि सूर्य शक्ति का स्त्रोत है, इस सारी धरती पर शक्ति या एनर्जी का जो भी स्त्रोत है वह सूर्य है. सूर्य हमारे अंदर की जीवन ज्योति बनकर हमें चलाता है, पेड पौधों को जो ऊर्जा व शक्ति देता है वह सूर्य ही है. यानि इस धरती पर एनर्जी के जितने भी स्त्रोत है जैसे डीजल, पेट्रोल, कोयला या अन्य उन सबमें ऊर्जा का स्त्रोत सूर्य है और अब तो सोलर पैनल लगाकर सीधा बिजली पैदा की जा रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने इस बार के बजट में ग्रीन एनर्जी पर जोर दिया है यानि प्रदूषण रहित ऊर्जा अर्था यानि इस धरती को दोबारा वैसा बना दें जैसे वह पहले वजूद में थी. उसमें सूर्य का बहुत बड़ा रोल है.


योग आसनों को जोड़कर सूर्य नमस्कार बनाया गया


सूर्य नमस्कार के संबंध में मंत्री ने कहा कि सूर्य नमस्कार का संधिविछेद है कि सूर्य में तुमको झुककर नमन करता हूं, ये एक यौगिक प्रक्रिया है. कई योग आसनों को जोड़कर सूर्य नमस्कार बनाया गया है जिसमें 12-13 आसन है. सरकार द्वारा योग को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य किये जा रहे हैं. योग मन, बुद्धि और शरीर को जोड़ने का साधन है और ये तीनों यदि जुड़ जाएं तो आत्मा से परमात्मा का मिलन हो जाता है.