Haryana Anaj Mandi: अनाज मंडी एसोसिएशन द्वारा सरसों की सरकारी खरीद आढ़तियों के माध्यम से न कराने के विरोध में व्यापारियों ने हिसार मंडी में धरना प्रदर्शन किया. इस धरने पर विशेष तौर पर हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने भाग लिया. धरने पर सरकार द्वारा सरसों की खरीद आढ़तिओं के माध्यम से न करने पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. इस अवसर पर हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने उपस्थित व्यापारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरसों की सरकारी खरीद अनाज मंडी के आढ़तियों के माध्यम से न करने के विरोध में आज पूरे हरियाणा की मंडियों में धरना प्रदर्शन किया गया है. यह धरना प्रदर्शन मंडियों में अलग-अलग जगह 5 अप्रैल तक जारी रहेगा.


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सरकार की गलत नीतियों की वजह से परेशानी
बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से आढ़ती, किसान और मजदूर लगातार बर्बाद होता जा रहा है. सरकार ने पहले गेहूं और धान पर आढ़तियों का कमीशन काटकर कम कर दिया और अब सरकार मंडियों को बर्बाद करने के लिए सरसों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से नहीं कर रही है, जिसके कारण हरियाणा के व्यापारी, किसान, मजदूर में सरकार के प्रति बड़ा भारी रोष है. हरियाणा के कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा है कि सरसों पैदावार का लगभग 22 प्रतिशत सरसों सरकार खरीद करेगी. अगर सरकार 22 प्रतिशत सिर्फ सरसों खरीद करेगी तो 78 प्रतिशत सरसों किसान को मजबूरी में औने-पौने दामों में बेचनी पड़ेगी, जिससे किसानों को बढ़ा भारी नुकसान होगा.


आढ़ियों से करानी चाहिए खरीददारी
बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को किसान की हर फसल पहले की तरह मंडी के आढ़तियों के माध्यम से खरीद करनी चाहिए और सरकार को आढ़तियों को पहले की तरह गेंहू और हर फसल खरीद पर आढ़तियों को 2.5 प्रतिशत दाम देनी चाहिए, जबकि आढ़ती सरकार को मार्केट फीस, वेट कर, इनकम टैक्स, जीएसटी, एक्साइज ड्यूटी, लाइसेंस फीस आदि हर प्रकार के टैक्स अदा कर रहे हैं. अगर आढ़तियों को फसल खरीद पर आढ़त नहीं मिलेगी तो आढ़ती मंडी में दुकान करके क्या करेगा यह बहुत बड़ा चिंता का विषय है.


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पोर्टल करना चाहिए खत्म
मंडी में हजारों व्यापारी, लाखों मजदूर, ट्रांसपोर्टर मुनीम आदि सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. ऐसे में अगर मंडियां बंद हो गईं तो लाखों लोग बर्बाद हो जाएंगे. ऐसा हो गया तो देश में आटा, सब्जी और फलों के दाम पहले से दो-तीन गुना बढ़ जाएंगे, जिसे किसी कीमत पर होने नहीं दिया जाएगा. जबकि सरकार को पोर्टल खत्म कर देना चाहिए. सरकार को फसल की खरीद ऑनलाइन करने की बजाय पहले की तरह ऑफलाइन करनी चाहिए. ताकि किसान अपनी फसल मंडी के आढ़तिओं के माध्यम से बेचकर समय पर रूपऐ लेकर घर जा सकें.


INPUT- Rohit Kumar