Haryana News: पंचकूला जा रही आशा वर्करों को बीच रास्ते में रोकने को लेकर स्टेट कमेटी की कॉल पर शुक्रवार को यहां जिला की आशा वर्कर एकत्रित होकर पंडित श्रीराम शर्मा पाक के पास बीच सड़क पर बैठी और सरकार की कार्यशैली के खिलाफ रोष जताते हुए नारेबाजी की. आशा वर्करों का कहना था कि सरकार तानाशाही पर उतरी हुई है और बार-बार वार्ता के बाद भी सरकार से हुए समझौते से फिर रही है.


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उन्होंने कहा कि सरकार के साथ 19 अक्टूबर को समझौता हुआ था. उसमें उनका हड़ताल के समय का पैसा दिए जाने और मानदेय दिए जाने की बात भी हुई थी. सरकार ने हड़ताल के दौरान का पैसा तो दिया नहीं उलटा उनके मानदेय में भी कटौती कर डाली. इसकी जितनी निंदा की जाए उतनी ही कम है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार दमनकारी नीतियां अपना कर आशा वर्करों को दबाना चाहती है.


उन्होंने कहा कि इसी के चलते आज उन्होंने स्टेट की कमेटी के आह्वान पर यहां सड़कों पर उतरकर रोष जताया है. इस दौरान आशा वर्करों ने प्रदर्शन करते हुए यहां भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओपी धनखड़ के आवास पर जाकर अपना ज्ञापन सौंपा. आशा वर्करों का आरोप था कि सरकार हर रोज नए-नए नियम लागू कर परेशान करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि आशा वर्कर सरकार की तानाशाही से कतई डरने वाली नहीं है. सरकार की हर कार्यवाही का वोट की चोट से जवाब दिया जाएगा.


अपनी मांगों को लेकर आशा वर्कर्स का प्रदर्शन


आशा वर्कर्स ने हरियाणा में आज अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया है. हिसार में भी आशा वर्कर्स ने प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगे उठाई हैं, यहां नगर निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के आवास के बाहर आशा वर्कर्स ने प्रदर्शन किया. सुरक्षा के लिहाज के पुलिस अलर्ट पर है. डॉ कमल गुप्ता के घर के आसपास बेरिकेटिंग की गई है.


सरकार से नाराज आशा वर्कर


कैथल में आज आशा वर्करों ने लघु सचिवालय में धरना प्रदर्शन किया और रोष मार्च निकलते हुए कैथल की विधायक के निवास के बाहर प्रदर्शन किया. पत्रकार से बात करते हुए आशा वर्कर के नेता ने बताया कि लंबी हड़ताल के बाद मुख्यमंत्री के साथ हुए समझौते को लागू करवाने के लिये 29 फरवरी को पंचकूला में स्वास्थ्य मिशन डारेक्टर के कार्यालय पर प्रदर्शन करने जा रही है.


उन्होंने बताया कि आशा वर्करों और यूनियन की नेताओं को अनेकों जगह पर उनके घरों में नजरबंद किया गया, रास्तों में ही उनकी गाड़ियों को रोका गया. उनकी गाड़ी को जब्त कर लिया गया और जबरदस्ती आशा वर्करों को बसों में बैठाकर दूरदराज के इलाकों में छोड़ दिया गया. जो की आशाओं और सीटू नेताओं की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला है.


उन्होंने आगे कहा कि 73 दिन की लंबी हड़ताल के बाद मुख्यमंत्री के साथ हुआ समझौता लागू नहीं किया जा रहा. पहले आंदोलनकारियों के साथ समझौता करो, फिर उससे लागू न करो ये सरकार आदत का हिस्सा बन चुका है. उन्होंने कहा कि सरकार जनतांत्रिक अधिकारों पर हमला करना बंद करे, आशाओं के साथ हुआ समझौता लागू करवाने के लिए आशा वर्कर्स आज प्रदेशभर में भाजपा विधायकों के आवास पर प्रदर्शन कर रही है.


(इनपुटः सुमित कुमार, विपिन शर्मा, रोहित कुमार)