Haryana News: यमुना नदी के बढ़ते हुए जलस्तर ने यमुना से सटे हुए 25 गांव को अपनी चपेट में ले लिया है. सबसे बुरे हालात गांव जाजल टोंकी में हैं, जहां गांव का संपर्क शहरी क्षेत्र में जाने के लिए टूट गया है. गांव के चारों तरफ से 10 फुट के करीब पानी खड़ा हुआ है. गांव में दुकानों पर खाने पीने का सामान खत्म हो गया है, स्वास्थ्य, शिक्षा, खानपान और पशुओं के चारे संबंधित सेवाएं बंद हो गई है. प्रशासन की तरफ से खाने-पीने और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कोई इंतजाम अभी तक नहीं हुआ है. गांव के लोग डर के साए में जी रहे हैं. ग्रामीणों के लिए खाने और मवेशियों के लिए चारे की किल्लत हो गई है. 


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आम जीवन अस्त-व्यस्त 
हरियाणा के पहाड़ी इलाकों से लेकर राजधानी दिल्ली तक में यमुना नदी का तांडव देखने को मिल रहा है. सोनीपत में यमुना नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है और गांव जाजल टोंकी यमुना नदी के जल से चारों तरफ से घिर गया है. गांव का संपर्क के अन्य इलाकों से कट गया है. गांव से शहर में खाद्यान्न लेने के लिए लोग जान जोखिम में डालकर कई फुट गहरे पानी को पार कर गांव से निकल रहे हैं. हालात ये भी हैं कि गांव में छोटा सा क्लीनिक के चलाने वाले डॉक्टर के पास भी दवाइयां नहीं है. गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे बीमारियों की चपेट में हैं, बुजुर्गों के बीमार होने की स्थिति में गांव से बाहर नहीं जा पा रहे हैं. गांव में स्कूल बंद हो गए हैं. वही मूलभूत सुविधा के लिए गांव के लोग गैस सिलेंडर पानी में बहाकर ले जा रहे हैं. गांव से बाहर जाने के लिए प्रशासन की तरफ से बोट लगाई गई है. गांव में 2000 से ढाई हजार की आबादी है. प्रशासन की तरफ से अभी तक तेरे कोई भी मदद गांव के लोगों को नहीं पहुंची है.


नदी में तब्दील हुए फसल
हालात यह हैं कि हजारों एकड़ फसल नदी में तब्दील हो गई है, खेतों में सब्जियां, धान और अन्य फसलें तबाह हो गई हैं. वहीं गांव जाजल टॉकी के लोग अपने ही घरों में कैद हो गए हैं और डर के साये में जी रहे हैं. हालांकि प्रशासन के लोग लगातार पहुंच रहे हैं, लेकिन गांव के लोगों का आरोप है कि गांव में मूलभूत सुविधा के लिए प्रशासन की तरफ से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है और घरों के साथ-साथ दुकानों पर भी राशन खत्म हो गया है. 


इनपुट- सुनिल कुमार