Rewari Stray Cattles: रेवाड़ी प्रशासन ने शहर को 7 वर्ष पहले कैटल फ्री तो घोषित कर दिया, लेकिन आज भी जिले की सड़कों पर घूमते गोवंश हादसों का कारण बन रहे हैं. प्रशासन ने शहर को कैटल-फ्री बनाने की दिशा में बेसहारा गोवंश को पकड़ने के साथ उनके लिए गोशाला तक की व्यवस्था की थी. इसके बाद शहर को कैटल-फ्री घोषित कर दिया गया, लेकिन आज भी सड़कों पर बेसहारा गोवंशों का जमावड़ा लगा हुआ दिखाई दे रहा है.


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हादसों के कारण आवारा पशु
फाइलों में जिला तो कैटल फ्री है, लेकिन सड़कों पर लावारिस कहें या बेसहारा गोवंश प्रशासन की पोल खोल रहे हैं. वहीं, बीते वर्ष नगर परिषद की ओर से एक निजी कंपनी को गोवंश पकड़कर गौशाला में भेजने का टेंडर जारी किया था, लेकिन कुछ समय बाद कंपनी ने हाथ खड़े कर लिए थे. नगर परिषद विभाग फिर से काम शुरू करने का दावा कर रहा है. एक अनुमान के मुताबिक शहर की सड़कों पर करीब 1000 से भी अधिक बेसहारा गोवंश घूमते हैं. इनकी संख्या कम होने की बजाय अब लगातार बढ़ती जा रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि गर्मियों के दौरान ज्यादातर गोवंश दूध देना बंद कर देते हैं. इस कारण ज्यादातर पशुपालक अपने पशुओं को छोड़ देते हैं. ऐसे में दिनभर सड़कों पर घूमते पशुओं के कारण हादसे हो रहे हैं. गोवंश अबतक कई लोगो की जान भी ले चुके हैं.


अभी भी नहीं बदली है स्थिति
आपको बता दें कि प्रशासन ने वर्ष 2018 में शहर को कैटल फ्री घोषित किया था. सर्कुलर रोड पर जगह-जगह खड़े बेसहारा गोवंश के कारण वाहन चालकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. उनसे दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं और जाम भी लगता है. इस मामले में कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद जिला प्रशासन की ओर से  आनन-फानन में शहर को कैटल फ्री घोषित कर दिया गया था, जबकि नगर परिषद कार्यालय परिसर के आसपास भी सरेआम बेसहारा पशुओं का जमावड़ा देखा जा सकता है. शुरूआती तौर पर दिखावे के लिए प्रशासन की ओर से करीब 150 बेसहारा पशुओं को पकड़कर गोशाला और अस्थायी फाटकों में भेजा था, लेकिन अब भी स्थिति बदली नहीं है.


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"विधानसभा में उठा मुद्दा"
मौजूदा नगर पार्षदों की का कहना है कि बेसहारा पशुओं का मुद्दा कोई नया मुद्दा नहीं है. ये आए दिन किसी न किसी को अपना निशाना बना लेते हैं. वहीं, रेवाड़ी विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि उन्होंने कई बार इस मुद्दे को उठाया है. जिला प्रशासन ने इस्तीहार के माध्यम से रेवाड़ी को कैटल फ्री घोषित कर दिया जाता है और यह दावे फेल हो जाते हैं. रेवाड़ी विधायक ने इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया तब मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि रेवाड़ी कैटल फ्री नहीं है.