Kaithal News: चुनाव से पहले फैला गुर्जर शब्द पर रायता, राजपूत बाहुल्य गांवों में BJP नेताओं की No Entry
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Kaithal News: चुनाव से पहले फैला गुर्जर शब्द पर रायता, राजपूत बाहुल्य गांवों में BJP नेताओं की No Entry

Kaithal News: कैथल में 20 जुलाई को प्रतिमा के अनावरण से पहले सम्राट मिहिर भोज के आगे गुर्जर शब्द लगाने पर राजपूतों ने विरोध जताया था. लाठीचार्ज के बाद बीजेपी नेताओं ने शिकायत दूर करने का आश्वासन दिया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ.

Kaithal News: चुनाव से पहले फैला गुर्जर शब्द पर रायता, राजपूत बाहुल्य गांवों में BJP नेताओं की No Entry

Kaithal News: हरियाणा के कैथल में सम्राट मिहिर भोज के प्रतिमा पर उनके नाम के आगे गुर्जर शब्द लिखने से जिले के राजपूत बाहुल्य गांव में बीजेपी के नेताओं की बैन के पोस्टर लगे. राजपुर समाज के लोग कैथल में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के नाम के आगे गुर्जर प्रतिहार मिहिर भोज लिखने से नाराज हैं. साथ ही इस विवाद को लेकर पुलिस द्वारा राजपूत समाज के लोगों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में राजपूत समाज के लोगों में रोष है.

समय से पहले किया था अनावरण
कैथल में 20 जुलाई को सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण हुआ था और इस अनावरण पर राजपूत समाज के लोगों का एतराज था. उनका कहना था कि सम्राट मिहिर भोज से पहले गुर्जर शब्द लिखना ठीक नहीं है. इसके लिए उन्होंने आंदोलन भी किया और बीजेपी के नेताओं विधायकों और मंत्रियों से मिले. जिस पर उन्हें भरोसा दिया गया था कि सब ठीक हो जाएगा परंतु ठीक अनावरण से 1 दिन पहले राजपूत समाज के लोगों पर कैथल में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और 20 तारीख को समय से पहले कैथल के बीजेपी के गुर्जर नेताओं ने सुबह 8:00 बजे प्रतिमा का अनावरण कर दिया था. 

पड़ताल में ये पता चला
इस वजह से राजपूत समाज में काफी रोष है. इसके साथ ही मीडिया पर कुछ पोस्टर वायरल हो रहे थे, जिनमें लिखा था कि हमारे गांव में बीजेपी के नेताओं की एंट्री पर प्रतिबंध है. अगर कोई बीजेपी का नेता गांव में आएगा तो उसे बलपूर्वक निकाल दिया जाएगा. इस बात की पड़ताल करने ज़ी मीडिया की टीम पहुंची. सच्चाई प्राप्त करने के लिए हमने कुछ राजपूत बाहुल्य गांवों का दौरा किया और इसका रियल्टी चेक किया, जिसमें हमने पाया कि इसी तरह के पोस्टर गांव के अंदर भी लगे हुए हैं और राजपूत समाज के लोग नाराज हैं. पहले हम विधानसभा कलायत के गांव बाता और दुमाड़ा में गए तो वहां पर भी इसी तरह के पोस्टर लगे हुए हमने पाए. गांव वालों का कहना है कि सरकार ने हमारी अनदेखी की है खासतौर पर हमारे स्थानीय विधायक लीलाराम जिला अध्यक्ष अशोक गुर्जर और राज्य मंत्री कमलेश डांडा हमने अपना विरोध इन सब को जाहिर किया था और इनसे कई बार बातचीत भी की और सब ने आश्वासन दिया था कि इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा, लेकिन इन नेताओं ने हमें धोखे में रखा. उल्टा जब समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया तो राजपूत समाज को पुलिस की लाठियां खानी पड़ी, जिसकी वजह से राजपूत समाज में नाराजगी है. हमारे समाज के जितने भी बीजेपी के नेता हैं. उन्होंने इस्तीफा भी दिया है और पार्टी छोड़ दी है और अब जिन गांव में राजपूत समाज के ज्यादा लोग हैं एक मुहिम चला रखी है कि हर गांव में बीजेपी के नेताओं की एंट्री बैन के पोस्टर लगा दिए गए हैं. गांव वालों का कहना है कि अगर कोई बीजेपी का नेता हमारे गांव में आएगा तो हम उसका विरोध करेंगे और आने वाले 2024 में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में वोट की चोट से सबक सिखाएंगे. 

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एकमत दिया इस्तीफा
इसके साथ ही पूर्व में बीजेपी पार्टी में सम्मानित पदों को संभालने वाले नेताओं ने कहा कि हमने एकमत से अपने पदों से इस्तीफा देकर पार्टी को छोड़ दिया है. इन नेताओं का कहना है कि जब पार्टी ने हमारे समाज की अनदेखी कर दी है तो पार्टी में रहने का मतलब नहीं बनता है. आने वाले टाइम में इससे भाजपा को नुकसान होगा और 2024 में हम वोट की चोट से सबक सिखाएंगे. अभी तो यह शुरुआत है जिले में राजपूत समाज के लगभग 30 गांव हैं और सभी गांव में इसी तरह के पोस्टर लगेंगे और बीजेपी नेताओं के आने पर प्रतिबंध लगेगा और हमारा यह विरोध हरियाणा से शुरू होकर पूरे देश में होगा.

INPUT- VIPIN SHARMA

 

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