Haryana News: जैसे-जैसे लोकसभा 2024 का चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियों के नेता, विधायक, मंत्री जनता के बीच जाकर जनता का विश्वास और भरोसा अपने पक्ष में करते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में फरीदाबाद शहर के एक सामाजिक कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री और फरीदाबाद सांसद कृष्णपाल गुर्जर पहुंचे. इस दौरान ज़ी मीडिया ने उनसे खास बातचीत की.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

किसके नाम पर मांगी जाएगी वोट
इस दौरान इस सवाल पर कि आने वाले चुनाव में नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगी जाएगी या विकास के नाम पर? इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कभी चुनाव से विकास के कामों की तुलना नहीं करती. समय-समय पर मुख्यमंत्री विकास के कामों की घोषणा करते रहते हैं और प्रदेश के लोगों को राहत देते रहते हैं. यही देश में आदरणीय मोदी एक बार नहीं अनेकों बार बीच-बीच में लोगों की तकलीफों को कम करने के लिए घोषणाएं करते हैं. देश को आगे बढ़ाने के लिए और प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए लगातार ये विकास कार्य चलते रहते हैं. इन्हे चुनाव से नहीं जोड़ना चाहिए.


बिना भेदभाव का विकास
हरियाणा सरकार पर विधायक नीरज शर्मा द्वारा उन्हें अभी भी उनकी विधानसभा में विकास के लिए कुछ भी राशि नहीं दिए जाने के आरोप के सवाल का जवाब देते हुए कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि यह तो रिकॉर्ड की बात है. 90 के 90 विधानसभा क्षेत्र में आप राशि निकाल लीजिए. आज RTI का जमाना है. सबका साथ और सब का विकास. सीएम मनोहर लाल ने हरियाणा एक हरियाणवी एक के सिद्धांत पर 9 साल सरकार चलाई है. प्रदेश का कोई कोना ऐसा नहीं है, जहां नौकरी में विकास में भेदभाव हुआ हो. योग्यता के आधार पर नौकरी दी है. सिफारिश और रिश्वत के आधार पर नौकरी बंद कर दी गई है. NIT भी हमारी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. हरियाणा का हिस्सा है. आप देखिए एनआईटी में जितने भी काम हुए हैं. इतने 10 वर्षों में सीएम मनोहर लाल और नरेंद्र मोदी की सरकार में हुआ है. वह बताएं कि पिछली सरकारों में कितना काम हुआ है.


ये भी पढ़ें: हरियाणा के रेवाड़ी में भीषण सड़क हादसा, स्टेपनी बदल रहे लोगों को कार ने मारी टक्कर


आम आदमी पार्टी से किया समझौता
वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन पर किए गए सवाल का जवाब देते हुए कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि यह मतलबी गठबंधन है. यह स्थाई गठबंधन नहीं है. नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से घबराकर इनमें छटपटाहट है. आज जैसी छटपटाहट विरोधी दलों में है, वह 2014 और 2019 में भी नहीं थी. कांग्रेस कहती थी हमें हरियाणा में किसी की जरूरत नहीं है, वह कांग्रेस अब आम आदमी पार्टी जैसी पार्टी से समझौता कर रही है, जो यह बताता है कि आपको कि अब कांग्रेस में क्या बचा है.


INPUT- Amit Chaudhary