Haryana News: कुमारी सैलजा ने कहा कि यह सरकार किसानों के साथ पोर्टल-पोर्टल खेल रही है. किसानों को उनकी फसल का उचित मुआवजा तक नहीं मिल पा रहा है, जिस वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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Haryana News: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा है कि स्वयं को किसान हितेषी बताने वाली भाजपा-जजपा सरकार आज किसानों की सबसे बड़ी दुश्मन बनी हुई है, पोर्टल-पोर्टल खेलकर सरकार क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा मांगने वाले किसानों को परेशान कर रही है. पहले सरकार यह बताए कि वह किसानों के साथ है या बीमा कंपनियों के साथ है.
किसानों या कंपनी के साथ है सरकार
मीडिया के लिए जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार किसानों के उत्पीड़न में लगी हुई है. किसानों के हित में किए जा रहे कार्य का दावा करने वाली सरकार सरासर झूठ बोल रही है. उन्होंने कहा है कि सरकार ही प्राइवेट बीमा कंपनियों को लेकर आई है, किसानों को कपास की फसल के लिए 1950 रुपये प्रीमियम और धान की फसल के लिए 600 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रीमियम जमा करवाना होता है. पर जब मुआवजे की बात आती है तो बीमा कंपनियां कोई न कोई बहाना बनाकर हाथ खड़े कर देती हैं. उन्होंने कहा कि कई कंपनियों की ओर दो से तीन साल तक की मुआवजा राशि बकाया है. सरकार भी इस बारे में मौन साधे हुए है. उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता के चलते किसान परेशान हैं और उन्हें समय पर मुआवजा नहीं मिल रहा है. सरकार पहले यह बताए कि वह किसानों के साथ है या बीमा कंपनी वालों के साथ है.
किसान हो रहे परेशान
उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों के साथ पोर्टल-पोर्टल खेल रही है, पहले कहती है कि मेरी फसल मेरा ब्योरा. पोर्टल पर फसल के बारे में सारी जानकारी देकर पंजीकरण करवाए. इस पंजीकरण के आधार पर किसान मंडी में फसल बेच सकता है. अगर किसान की प्राकृतिक आपदा में फसल खराब हो जाए तो उसकी जानकारी पहले ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. इस पोर्टल पर मुआवजा पर तभी विचार होगा जब किसान ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाया हो. किसान जब भी मुआवजा मांगेगा उसे विवरण पोर्टल पर डालना होगा अगर नहीं डाला तो मुआवजा पर विचार नहीं होगा. इस प्रकार सरकार पोर्टल के नाम पर किसानों को परेशान कर रही है, फसलों का बीमा करवाने वाले किसान आज भी मुआवजा राशि के लिए इधर से उधर भटक रहे हैं और सरकार दावा कर रही है कि वह किसानों की सच्ची हितैषी सरकार है.
किसानों की कोई नहीं ले रहा सुध
उन्होंने कहा है कि सिरसा जिला के गांव नारायण खेड़ा में बीमा क्लेम की मांग को लेकर किसान कई दिनों से जलघर की टंकी पर चढ़े हुए हैं पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है, बीमा क्लेम की मांग को लेकर चौपटा तहसील में किसानों को 92 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना जारी है. अन्नदाता परेशानी उठा रहा है और कोई भी शासनिक और प्रशासनिक अधिकारी किसानों से बात करने मौके पर नहीं पहुंचा है. टंकी पर चढ़े किसान न खाना खा पा रहे हैं और न ही सो पा रहे हैं, सरकार चैन की बंसी बजाकर सो रही है. सरकार की इस उदासीनता से साफ लग रहा है कि सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं हैं.