Nuh Violence: दीपेंद्र हुड्डा का बड़ा दावा, सरकार को 10 दिन पहले ही मिल गई थी गड़बड़ी की अंदेशा
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Nuh Violence: दीपेंद्र हुड्डा का बड़ा दावा, सरकार को 10 दिन पहले ही मिल गई थी गड़बड़ी की अंदेशा

Nuh Violence: यात्रा के समय पुलिस की तैनाती हो जाती तो दोनों समुदायों के बीच टकराव नहीं होता. 10 दिन पहले इंटेलिजेंस की सूचना थी कि गड़बड़ होने का अंदेशा है, लेकिन उसके बाद भी सरकार ने पुलिस की नियुक्ति नहीं की.

Nuh Violence: दीपेंद्र हुड्डा का बड़ा दावा, सरकार को 10 दिन पहले ही मिल गई थी गड़बड़ी की अंदेशा

Haryana News: कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज महेंद्रगढ़ जिले के धनौंदा गांव पहुंचे यहां उन्होंने शहीद सचिन शर्मा की मूर्ति का अनावरण किया. इस अवसर पर उन्होंने शहीद के प्रति अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अहीरवाल हमेशा से देश सेवा के क्षेत्र में रहा है शहीद सचिन से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी. इस दौरान उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर पद छोड़ देना चाहिए. हमें प्रदेश की जिमेदारी दें हम हर आदमी को सुरक्षा देंगे. 

हरियाणा में बेरोजगारी सबसे ज्यादा
इसके साथ ही राहुल गांधी की सदस्यता के मामले में उन्होंने कहा कि सत्य की जीत हुई है. मानहानि केस में देश मे पहली बार ऐसा हुआ कि किसी को 2 साल की सजा हुई हो. अगर 2 साल से 1 दिन की भी कम सजा होती तो राहुल गांधी की सदस्यता रद्द नहीं होती. सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने का काम किया इस फैसले का कांग्रेस पार्टी स्वागत करती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 4 साल से बेरोजगारी में हरियाणा प्रदेश एक नंबर पर है. 

बेरोजगारी के मुद्दे पर ये कहा
दिपेंद्र हुड्डा ने कहा कि संसद में भी बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने जवाब देते हुए बताया कि साल 2013-14 के मुकाबले तीन गुणा ज्यादा देश में बेरोजगारी बढ़ी है. बेरोजगारी में हरियाणा प्रदेश एक नंबर पर है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री युवाओं को रोजगार पर क्या जवाब देंगे? बेरोजगारी का मुद्दा देश के युवाओं के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है. जब भर्ती नहीं करनी थी तो हरियाणा सरकार ने क्यों सीईटी के एग्जाम करवाए. 

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पंचायत चुनाव क्यों करवाए
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव क्यों करवाए, जब सरपंचों को कोई अधिकार ही नहीं देने थे. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि नूंह में हिंसा की जिमेदार प्रदेश सरकार है, यात्रा के समय पुलिस की तैनाती हो जाती तो दोनों समुदायों के बीच टकराव नहीं होता. हर वर्ष हजारों पुलिस वालों की तैनाती होती थी. 10 दिन पहले इंटेलिजेंस की सूचना थी कि गड़बड़ होने का अंदेशा है, लेकिन उसके बाद भी सरकार ने पुलिस की नियुक्ति नहीं की. सिर्फ होमगार्ड के भरोसे छोड़ दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार से आग्रह किया है कि जो होमगार्ड शहीद हुए हैं उनको ऑन ड्यूटी पुलिस की तर्ज पर शहीद का दर्जा मिले और उनके परिजन को नौकरी भी मिले.

हम बताएंगे सुरक्षा कैसे की जाती है
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सवाल ये है पुलिस की नियुक्ति क्यों नहीं हुई और कहां ढील रही. मुख्यमंत्री का बयान आता है कि हरियाणा पुलिस प्रदेश की जनता की सुरक्षा करने में सक्षम नहीं है. पुलिस के कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त नहीं है ये दुर्भाग्यपूर्ण बयान है, लेकिन मैं कहता हूं हरियाणा पुलिस की संख्या भी पर्याप्त है और सुरक्षा करने में भी सक्षम है. हमारी सरकार थी तो 10 साल में एक भी दंगा नहीं हुआ यदि मुख्यमंत्री प्रदेश की सुरक्षा करने में सक्षम नहीं हैं तो नैतिकता दिखाते हुए पद से हट जाना चाहिए और प्रदेश की जिमेदारी हमें दे. हम करके दिखाएंगे की हर आदमी की सुरक्षा कैसे की जाती है.

INPUT- Karamvir Singh