Haryana News: सैलजा बोलीं- 832 सरकारी स्कूलों को बंद करना, गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करने जैसा
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Haryana News: सैलजा बोलीं- 832 सरकारी स्कूलों को बंद करना, गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करने जैसा

Haryana News: हिसार में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार 832 सरकारी स्कूलों को बंद करने जा रही है, जहां पर बच्चों की संख्या 20 से कम है.

Haryana News: सैलजा बोलीं- 832 सरकारी स्कूलों को बंद करना, गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करने जैसा

Haryana News: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने में लगी हुई है, इसी के चलते सरकार 832 सरकारी स्कूलों को बंद कर गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करना चाहती है. उन्होंने कहा कि शिक्षा का कोई विकल्प नहीं है, सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती. सत्ता के मद में चूर ऐसी सरकार को सबक सिखाने के लिए जनता बस चुनाव की प्रतीक्षा कर रही है.

हिसार में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार 832 सरकारी स्कूलों को बंद करने जा रही है, जहां पर बच्चों की संख्या 20 से कम है. उन्होंने कहा कि सरकार को स्कूल बंद करने से पूर्व इस बात का पता लगाना चाहिए था कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या क्यों कम होती जा रही है. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी है. कहीं कमरे नहीं हैं तो कहीं पर फर्नीचर नहीं है तो कहीं पर टीचर ही नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों की भर्ती नहीं कर रही है. गठबंधन सरकार सरकारी स्कूलों को बंद करने की साजिश कर रही है और ऐसा प्राइवेट स्कूलों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में ज्यादातर बच्चे गरीब वर्ग से आते हैं यानी सरकार गरीब बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार का कोई योगदान नहीं है. सरकार पूरी तरह से विफल रही है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा एक जुमला ही है. सरकार कहती कुछ और करती कुछ है.

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उन्होंने कहा कि सरकार 832 सरकारी स्कूलों को बंद करने जा रही है, जहां पर बच्चों की संख्या 20 से कम है. ऐसे बच्चों की संख्या करीब 7349 है. उन्होंने कहा कि सरकार इस कदम का न तो टीचर समर्थन करेंगे और न ही अभिभावक. उन्होंने कहा कि जो सुविधाएं प्राइवेट स्कूलों में हैं. अगर वैसी ही सुविधाएं सरकारी स्कूलों में दी जाएं तो कोई भी अभिभावक बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में नहीं भेजेगा, क्योंकि गरीब वर्ग के लोग बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने का सपना ही देख सकते हैं. अगर सरकार अपने स्कूलों की खामियों को दूर करने का प्रयास करे तो उन स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि शिक्षक वर्ग से गैर शिक्षण कार्य नहीं करवाने चाहिए. ऐसे कार्य करवाने से शिक्षण कार्य प्रभावित होता है. जब स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित होगा तो बच्चों का भविष्य भी प्रभावित होगा, सरकार का काम बच्चों का भविष्य बनाना है बिगाड़ना नहीं. ऐसी सरकार को जनता किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगी.

INPUT- Vijay Rana

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