Jhajjar News: हरियाणा के रोहतक, झज्जर और चरखी दादरी जिले के कुछ हिस्सों में धान की बुवाई के चलते वाटर लेवल ऊपर आता जा रहा है. इसके कारण कुछ साल बाद खेती करने योग्य जमीन नहीं रहेगी.
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Jhajjar News: रोहतक, झज्जर और चरखी दादरी के कुछ हिस्सों में जमीन खेती लायक नहीं बचेगी. अगले आठ से 12 साल में ग्राउंड वाटर लेवल जमीन के लेवल से भी उपर आने वाला है. ये बात कही है सिंचाई विभाग के इंजीनियर इन चीफ सतबीर काद्यान ने. उनका कहना है कि इन तीन जिलों में धान की अत्यधिक बुवाई के चलते पानी का लेवल लगातार 1 फीट की दर से उपर आ रहा है. अगर इन जिलों में धान की बुवाई बंद नहीं की गई तो 8 से 12 साल में खेती लायक जमीन ही नहीं बचेगी. उन्होंने लोगों से धान नहीं उगाने की अपील की है और अगर उगाना ही है तो डीएसआर तकनीक से वो भी आधा रकबा कम करके ही करें.
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सतबीर काद्यान ने खरहर गांव में ग्राउंड वाटर टेबल को नीचे करने के प्रोजैक्ट का शिलान्यास भी किया. सोलर बेस्ड ट्यूबवैल लगाकर जमीन के पानी को बाहर निकाला जाएगा ताकि जमीन का वाटर लेवल नीचे जा सके. इसके लिए 3 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. सतबीर काद्यान ने कहा कि इस प्रोजैक्ट से हजार एकड़ जमीन को फायदा होगा.
सतबीर काद्यान ने बताया कि मानसून को देखते हुए सिंचाई विभाग पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने बताया कि 30 जून तक प्रदेश की सभी छोटी और बड़ी ड्रेनों की सफाई 100 प्रतिशत पूरी कर ली जाएगी. इसके लिए लोगों से फीडबैक भी लिया जा रहा है. सतबीर काद्यान ने बताया कि अगले दो साल में हरियाणा को बाढ़ फ्री करने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए पाईप ड्रेनेज प्रोजैक्टों को मंजूरी दी गई है.
दरअसल प्रदेश सरकार ने हरियाणा को बाढ़ राहत के लिए 1200 करोड़ के करीब का बजट निर्धारित कर रखा है. इसके तहत ग्राउंड वाटर लेबल को नीचे करने का प्रोजेक्ट चल रहा है तो कहीं बाढ़ राहत के लिए पानी की निकासी पाईप ड्रेनेज सिस्टम से करवाने पर काम चल रहा है. फिलहाल विभाग के चीफ इंजीनियर खुद जगह-जगह जाकर हर प्रोजेक्ट पर बारिकी से निगाह रखे हुए हैं.
Input: Sumit Kumar