Faridabad News: लापरवाही की भेंट चढ़ रहा हरियाणा का अकेला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, अधिकारी नहीं ले रहे कोई एक्शन
फरीदाबाद में राजा नाहर सिंह स्टेडियम अब खंडहर में तब्दील होने जा रहा है. जहां पहले कभी इंटरनेशनल क्रिकेट मैच हुआ करते थे. आज वहां झाड़ियां और कुड़ा कबाड़ पड़ा है.
अमित चौधरी/फरीदाबाद: एक समय में इंटरनेशनल क्रिकेट मैचों के लिए मशहूर फरीदाबाद का राजा नाहर सिंह स्टेडियम इन दिनों अपनी बदहाली पर रो रहा है. पिछले काफी समय से ये स्टेडियम खंडहर बना हुआ है. वहीं सीधे-सीधे कहें तो भ्रष्ट तंत्र के चलते निगम अधिकारियों और प्राइवेट कंस्ट्रक्शन कंपनी की स्टेडियम के प्रति बेरुखी और लापरवाही के चलते स्टेडियम को खंडहर होने पर मजबूर कर दिया गया है. वहीं इस स्टेडियम में अब तक 8 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जा चुके हैं.
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2015 में कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने कई सौ करोड़ की लागत से स्टेडियम के जीर्णोद्धार का ऐलान किया था. इसे 2020 तक अत्याधुनिक तकनीकों के साथ बनकर तैयार होना था, लेकिन कछुए की चाल से चलते यह निर्माण कार्य 2020 तक भी पूरा नहीं हो पाया है. फिर स्टेडियम के निर्माण की तारीख आगे बढ़ा दी गई, लेकिन 2022 में भी इस स्टेडियम का काम पूरा नहीं हो पाया. अब 2023 शुरू होने के बाद भी यह स्टेडियम अधूरा पड़ा है.
पहले कोरोना के कारण बताकर काम बंद कर दिया गया और अब कोरोना के बाद भी काम बंद पड़ा हुआ है, जिसके चलते किया हुआ काम भी कबाड़े में तब्दील होता जा रहा है. यहां तक कि 20 से 30 साल पहले बनी स्टेडियम की बिल्डिंग को भी अधिकारियों की बेरुखी के चलते कंडम होने पर मजबूर होना पड़ा है, जिसे जल्द ही तोड़ने के आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे.
पहले खेले गए अंतरराष्ट्रीय मैच, अब बना खंडहर
नाहर सिंह स्टेडियम में बन रहे नए भवन का दृश्य जो पिछले कई वर्ष से काम बंद पड़े होने के चलते धीरे-धीरे कबाड़ हो रहा है. अच्छा खासा मैदान झाड़ियों और गड्ढों में तब्दील हो चुका है. एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी और दर्जनों रणजी ट्रॉफी सहित ढेरों क्रिकेट प्लेयरर्स देने वाला फरीदाबाद का ये राजा नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम आज अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है. यह हाल तो तब है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद कहा था कि राजा नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम को फिर से संवारा जाएगा. फिर से स्टेडियम की हालत सुधारी जाएगी. ताकि फिर से यह स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मैचों का गवाह बन सके.
खस्ताहाल हुई स्टेडियम की हालत
पिछले साल 28 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा गठित विधायकों की समिति ने निर्माण कार्य को देखने के लिए स्टेडियम में विधायकों की कमेटी ने दौरा किया था, तब भी स्टेडियम के अंदर बदहाली का यही आलम था. चारों तरफ खास और झाड़ियां मैदान पर दिखाई दे रही थी. मैदान में बड़ी मशीनें कबाड़ हो चुकी है. आज भी वही दृश्य नजर आता है. जब भी फरीदाबाद में इंटरनेशनल मैच खेला जाता था, तो देश-विदेश से फरीदाबाद के राजा नाहर सिंह स्टेडियम में लोग आते थे, लेकिन स्टेडियम के खस्ताहाल होने के बाद से यहां मैच बंद हैं.
जिस अंतरराष्ट्रीय मैदान की पिच पर कभी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी चौके छक्कों की बरसात करते थे. आज उस पिच के साथ-साथ पूरे मैदान पर घांस झाड़ियों के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन कंपनी का कबाड़ हो चुका सामान पड़ा हुआ है.
कपिल देव ने किया था उद्घाटन
बता दें कि फरीदाबाद के राजा नाहर सिंह स्टेडियम में सबसे पहला मैच 1993 में खेला गया था, जिसमें भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव भी शामिल थे. वहीं 26 जनवरी 1998 को इस स्टेडियम की नई बिल्डिंग तैयार हुई थी, जिसका उद्घाटन कपिल देव ने किया था. कपिल देव के क्रिकेट में दिए गए महान योगदान को सम्मान देते हुए उस समय यहां बनाए गए नए पवेलियन का नाम कपिल पवेलियन रखा गया था, जो कि अब प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और प्रशासन की अनदेखी के चलते यह पवेलियन अब कुछ ही सालों में लगभग खंडर होने पर मजबूर हो रहा है. शायद जल्दी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा.
सीएम मनोहर लाल ने की थी घोषणा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल जून 2015 में बड़खल में आयोजित रैली में शामिल हुए थे. उस दौरान बड़खल से विधायक सीमा त्रिखा ने राजा नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम के फिर से सुचारू रूप से चलाने को लेकर मुख्यमंत्री से मांग की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रैली में ही घोषणा की थी कि स्टेडियम को फिर से संवारा जाए और फिर से यहां पर पहले की तरह मैचों का आयोजन किया जाए. हालांकि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद 2018 में स्टेडियम ठीक करने के लिए काम शुरू हो गया था, लेकिन कोविड-19 के दौरान काम बंद हो गया जो अब तक बंद ही दिखाई देता है.
हालांकि इस विषय पर जो सबसे ज्यादा जिम्मेदार इस स्टेडियम की बदहाली के लिए वह फरीदाबाद का नगर निगम विभाग है, लेकिन इस विभाग के कोई भी अधिकारी इस विषय पर बातचीत करने को तैयार नहीं है. हमारे कई बार संपर्क करने के बावजूद इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई.