दिल्ली में यमुना की सफाई के लिए द्वारका के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि यमुना नदी की सफाई कोई नहीं करता, बस उसके नाम पर सब राजनीति करते रहते हैं.
Trending Photos
चरण सिंह सेहरावत/नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना नदी की सफाई करना दिल्ली सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. वहीं दिल्लीवासियों का कहना है कि यमुना की सफाई को लेकर राजनीति ही होती है. इसकी सफाई तो कभी होती ही नहीं. इसको लेकर द्वारका के लोगों ने फैसला लिया है कि जो काम सरकार नहीं कर सकी, अब उसको हम करके दिखाएंगे. लोगों ने फैसला किया है कि आज यानी शनिवार को द्वारका इलाके के करीब 10 हजार लोग पैदल यमुन की सफाई करने के लिए निकलेंगे और वहां पहुंचकर यमुना की सफाई करेंगे.
ये भी पढ़ें: Delhi Weather Update: दिल्ली में बारिश ने बदला मौसम का मिजाज, IMD ने जारी किया अलर्ट
दिल्ली सरकार उठा रही ये कदम
दिल्ली में यमुना नदी की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. हरियाणा के ड्रेन नंबर 2 व ड्रेन 8 का पानी यमुना में आ रहा है, जो कि बहुत गंदा है. पानी में भारी मात्रा में अमोनिया की मौजूदगी है, जिससे जल शोधक संयंत्र को चलाने में दिक्कत आ रही है. वहीं इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार वजीराबाद जल शोधक संयंत्र के पास बने तालाब पर एक अमोनिया शोधक संयंत्र लगाएगी.
बता दें कि वजीराबाद जल शोधक संयंत्र पानी को साफ करने के लिए लगाया गया था. वहीं अब पानी में अमोनिया की मौजूदगी ज्यादा होने के बाद दिल्ली सरकार ने एक और शोधक संयंत्र लगाने की योजना बनाई है. इसके लगने के बाद दिल्ली के घरों में जल की आपूर्ती की जाएगी. इस मामले को लेकर शुक्रवार को सीएम केजरीवाल की अध्यक्षता में यह फैसला किया गया.
वहीं इस बैठक में फैसला किया गया कि अमोनिया को इन-सीटू ट्रीटमेंट करने के लिए तकनीक का भी सहारा लिया जाएगा, जिसके लिए टेक्निकल रिपोर्ट तैयार की जा रही है. यमुना का पानी जलशोधक संयंत्र तक ले जाने के लिए वजीराबाद संयंत्र के पास तालाब बनाया गया है. दिल्ली जल बोर्ड ने इस तालाब के पास ही एक इन-सीटू ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम शुरू कर दिया है. इससे दिल्ली वालों को साफ पानी मिल सकेगा.