Haryana News: हरियाणा में खरीफ की फसलें  पक चुकी हैं और किसान इन्हें लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं, लेकिन हर साल की तरह इस साल भी मंडी में व्यवस्थाओं की कमी के चलते किसानों को धक्के खाने पड़ रहे हैं. रेवाड़ी अनाज मंडी में टोकन के लिए लाइन में खड़े किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं दूसरी तरफ पलवल में डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद भी 25 सितंबर से धान की खरीद शुरू नहीं हो पाई.


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रेवाड़ी में किसान परेशान 
दो दिन से हरियाणा सरकार ने रेवाड़ी सहित प्रदेश की आधा दर्जन अनाज मंडियों में बाजरे की व्यवसायिक खरीद शुरू की है. बाजरा बेचने के लिए आ रहे किसानों को लाइन में खड़े होकर परेशान होना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक, खरीद एजेंसी 2,200 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बाजरे की खरीद कर रही हैं. MSP की बची राशि सरकार भवांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को देगी, लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि कैसे खरीद प्रकिया की जा रही है. उन्हे टोकन कटाने के लिए लाइनों में खड़े होकर परेशान होना पड़ रहा है. सरकार किसानों के लिए बाते तो करती है, लेकिन किसानों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जाती है. पहले किसानों को सरसों की बिक्री के लिए परेशान होना पड़ा औप अब बाजरा बेचने के लिए परेशान होना पड़ रहा है.


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बता दें कि दक्षिण हरियाणा में बाजरे की पैदावार सबसे ज्यादा होती है. कई किसान 1,700 से 2,100 रूपये के रेट पर बाजरा बेच चुके हैं. 1 अक्टूबर से बाजरे की एमएसपी पर खरीद की जानी है, लेकिन इस बीच किसान संगठन लगातार धरना प्रदर्शन करके बाजरे की जल्द खरीद शुरू करने की मांग कर रहे थे. जिसके बाद दो दिन पहले ही सरकार ने बाजरे की व्यवसायिक खरीद शुरू करने का फैसला लिया है. वहीं मार्कटिंग कमेटी के सचिव ने कहा कि कल करीब एक हजार किसान मंडी में आए थे, जिनमें से करीबन 600 किसानों के बाजरे की खरीद की गई थी. बचे किसानों का बाजरा आज खरीदा जाएगा. 


पलवल में नहीं शुरू हुई धान की खरीद
वहीं पलवल में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के निर्देश के बाद भी धान की खरीद नहीं शुरू हो पाई है, उन्होंने 25 सितंबर से धान की खरीद के निर्देश दिए थे. मार्केट कमेटी का मानना है कि आगामी 10 अक्टूबर तक ही धान की खरीद शुरू हो पाएगी. मंडी में धान ,बाजरा और कपास की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी केवल बाजरा और कपास की ही खरीद हो रही है. किसान धान की खरीद शुरू न होने के लिए सरकार को जिम्मेदार बता रहे हैं. 


वहीं अधिकारियों का कहना है कि सरकार धान की जो वैरायटी खरीद रही है वह अभी नहीं आई है. धान की अभी केवल 915 वैरायटी ही मंडी में आ रही हैं. दूसरी तरफ बाजरे में भी किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल कम मिल रहा है. पलवल मंडी में अभी तक 2118 क्विंटल बाजरे की आवक हुई है. इसका सरकारी मूल्य 2,200 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है. मार्केट कमेटी का कहना है कि 300 रुपये भावांतर भरपाई योजना के द्वारा किसानों को दिए जाएंगे. वहीं मंडी में 5,346 क्विंटल कपास की आवक हुई है.