Haryana Panchayat Election 2022: शहरी इलाके में म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (Municipal corporation) हाउस टैक्स (House tax) लेती है, यह एक अनिवार्य टैक्स होता है और सबको इसका भुगतान करना होता हैं. हरियाणा के ग्रामीण इलाकों (Rural area) में हाउस टैक्स के बदले में चूल्हा टैक्स (Chulha tax) लिया जाता है, साल 2011 से अब तक कई ग्रामीणों द्वारा इसका भुगतान नहीं किया गया है. हरियाणा पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवारों के पास इसकी रसीद होना जरूरी है, जिसकी वजह से चूल्हा टैक्स जमा करने वालों की लंबी कतार लग रही हैं. 


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हरियाणा में 3 चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं, पहले चरण में 9 जिलों में वोटिंग हो चुकी है. दूसरे चरण में कल पंच और सरपंच पद के लिए मतदान किया जाएगा. पंचायत चुनाव की आड़ में सरकार द्वारा चूल्हा टैक्स (Chulha tax) जमा कराने का तरीका भी खोज लिया गया है. चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के पास नामांकन के कागजात में चूल्हा टैक्स की रसीद का होना अनिवार्य है, जिनके पास रसीद नहीं है वो नामांकन नहीं भर पाएंगे. 


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चूल्हा टैक्स जमा करने लोगों की उमड़ी भीड़
साल 2011 में चूल्हा टैक्स लागू होने के बाद से कई लोगों ने इसे जमा ही नहीं किया. इस लिस्ट में कुछ नाम ऐसे भी हैं, जो पंचायत चुनाव में उम्मीदवार हैं. चुनाव लड़ने के लिए अब उम्मीदवार साल 2011 से अब तक का बकाया टैक्स जमा करने के लिए पंचायत कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं.  


हर वर्ग के लिए निर्धारित की गई राशि
साल 2011 में चूल्हा टैक्स (Chulha tax) लागू होने के बाद इसके लिए एक राशि निर्धारित की गई है. सामान्य वर्ग के लोगों से 30 रुपये, पिछड़ा वर्ग के लोगों से 20 रुपये और अनुसूचित जाति के लोगों से 10 रुपये सालाना चूल्हा टैक्स के रूप में लिए जाते हैं.