सरपंचों ने भरी हुंकार, अधिकार वापसी तक सरकार के लिए खड़ी करती रहेंगे मुश्किलें
हरियाणा में सरपंचो और सरकार के बीच लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है. पिछले कई दिनों से सरपंच ईटेंरिंग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सीएम ने सरपंचों को लेकर कई बड़े ऐलान भी किए थे, लेकिन इससे सरपंचों पर कुछ प्रभाव नहीं पड़ा. सरपंच सीएम की घोषणाओं से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं.
चरखी दादरी: हरियाणा में सरपंचो और सरकार के बीच लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है. पिछले कई दिनों से सरपंच ईटेंरिंग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सीएम मनोहर लाल ने सरपंचों को लेकर कई बड़े ऐलान भी किए थे, लेकिन इससे सरपंचों पर कुछ प्रभाव नहीं पड़ा. सरपंच मुख्यमंत्री की घोषणाओं से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. बता दें कि आज हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर समैण की अध्यक्षता में दादरी में मीटिंग हुई, जिसमें सरपंचों ने कहा कि सीएम की घोषणाओं से वो संतुष्ट नहीं है.
सरपंचों ने कहा कि अब वे सरकार की मुश्किलें बढ़ाएंगे और साथ ही 22 मार्च को प्रदेश में जंग-ए-ऐलान करेंगे. वहीं ये भी फैसला किया गया कि मांगें नहीं मानी गईं तो भाजपा-जजपा के नेताओं का बहिष्कार करके ग्रामीण क्षेत्रों में घुसने नहीं दिया जाएगा.
सरपंच कार्यकारिणी प्रदेश अध्यक्ष रणवीर सैमण ने कहा उनकी दो मुख्य मांगे हैं एक तो पंचायत एक्ट (Panchayat Act) को लागू करें और राइट टू रिकॉल (Right to Recall) को निरस्त करें. जब तक सरकार हमारे अधिकार वापस नहीं करती ग्राम पंचायतों का आंदोलन जारी रहेगा. उसके लिए चाहे कितनी भी लंबी लड़ाई लड़नी पड़ जाए, हम पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तो 22 को सभी विचार कर एक मीटिंग के बाद बड़ा ऐलान करेंगे.
रणवीर सैमण ने कहा कि सरकार जब तक मांगें नहीं मानती ग्रामीण क्षेत्र के अंदर किसी भी जजपा-भाजपा के नेताओं को नहीं घुसने देंगे और उनका डटकर विरोध करेंगे. सरपंच कार्यकारिणी प्रदेश अध्यक्ष रणवीर गांव देहात बचाओ आंदोलन के तहत चरखी दादरी में सरपंचों से विचार विमर्श करने पहुंचे थे.
Input: नरेंद्र मंड़ोला