चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा में आज इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) विधायक अभय चौटाला ने सदन में भूमिगत जलस्तर के कम होने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों में डार्क जोन बन चुके हैं, जहां ट्यूबवेल नहीं लग सकते. अगर वहां नहर का पानी न हो तो वहां किसान क्या करेगा. कागजों पर कई योजनाएं शुरू की गई हैं. लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ. 


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इस बीच जब इनेलो विधायक के बातचीत के लहजे पर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने उन्हें रोका तो दोनों में तीखी बहस शुरू हो गई. अपने तीखे व्यवहार के लिए जाने जाने वाले अभय चौटाला विधानसभा स्पीकर यानी चेयर से बहस करने लगे. 


बहस बढ़ी तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी अभय चौटाला के खिलाफ खड़े हो गए. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई सदस्य चेयर के साथ बहस करे तो यह सदन का अपमान है. डिप्टी सीएम ने भी अभय चौटाला के व्यवहार का मुद्दा उठाया.


विधानसभा अध्यक्ष ने अभय चौटाला से कहा कि आपन भाषा का ध्यान रखें। उन्होंने इनेलो विधायक को अपने व्यवहार के चलते विधानसभा से पूरे दिन के लिए नेम कर दिया. स्पीकर ने अभय चौटाला को सदन से बाहर जाने को कहा. उन्होंने कहा-रास्ता इधर से हैं जाइये आप. इसके बाद सुरक्षाकर्मी और अधिकारी अभय चौटाला को सदन से बाहर ले जाने के लिए आ गए. इसके बाद अभय वहां से निकल गए. 



एचपीएससी की भर्ती प्रक्रिया पर सीएम का पक्ष 
सदन में बजट सत्र में प्रश्न काल के दौरान सीएम मनोहर लाल ने एचपीएससी की भर्ती प्रक्रिया के बारे में कहा कि यह एक स्वायत्त संस्था है. भर्ती प्रक्रिया क्या होगी, यह एचपीएससी का अपना निर्णय है. उन्होंने कहा कि किस पद की भर्ती के लिए ऑब्जेक्टिव टाइप (ओएमआर आधारित) या सब्जेक्टिव टाइप परीक्षा लेनी है, यह एचपीएससी का अपना फैसला है. भर्ती प्रक्रिया में राज्य सरकार की कोई दखलंदाजी नहीं होती. आयोग हर पद के लिए पाठ्यक्रम जारी करता है और उसी के अनुसार परीक्षा लेता है.