प्यास बुझाने के लिए गंगा को हरियाणा लाने की तैयारी, CM मनोहर लाल ने की पहल
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1439980

प्यास बुझाने के लिए गंगा को हरियाणा लाने की तैयारी, CM मनोहर लाल ने की पहल

प्रदेश में पानी की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए मुख्यमंत्री राजा भागीरथ की तरह गंगा के पानी को हरियाणा लाने पर विचार कर रहे हैं. वह गंगा-यमुना को जोड़ने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को जल्द ही पत्र लिखने वाले हैं. ऐसा करने से दिल्ली में भी पानी की किल्लत खत्म होगी. 

प्यास बुझाने के लिए गंगा को हरियाणा लाने की तैयारी, CM मनोहर लाल ने की पहल

मोहित सिंह/नई दिल्ली : हरियाणा (Haryana) की बढ़ती जनसंख्या के साथ ही पानी की जरूरत भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ( CM Manohar Lal) ने पानी की पर्याप्त आपूर्ति के लिए तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) को एक पत्र लिखने का फैसला किया है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली एमसीडी चुनाव : Congress ने जारी की 249 उम्मीदवारों की लिस्ट

इस पत्र में मुख्यमंत्री मनोहर लाल गंगा-यमुना लिंक नहर (Ganga Yamuna Link Canal) की पहल की शुरुआत करेंगे. इसके लिए गुरुग्राम में पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए GWS चैनल की क्षमता बढ़ाई जाएगी. फिलहाल चैनल की क्षमता 175 क्यूसेक ही है, जिसे बढ़ाकर 1,000 क्यूसेक किया जाएगा.

2030 तक गुरुग्राम में पड़ेगी 1,000 क्यूसेक पानी की जरूरत 
माना जा रहा है कि साल 2030 तक गुरुग्राम में बढ़ती आबादी के हिसाब से 1,000 क्यूसेक पानी की जरूरत होगी. इसे पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में एक अहम बैठक हुई. इसमें फैसला किया गया कि सरकार गंगा-यमुना लिंक नहर की पहल करेगी. इसके साथ ही पानी की उपलब्धता और चैनल को और बेहतर बनाने के लिए 1,600 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान जताया जा रहा है.  

खराब लाइनिंग को सुधारने की जरूरत 
बैठक में बताया गया कि गुरुग्राम वाटर सप्लाई चैनल की लंबाई 69 किलोमीटर है, जो काकरोई हेड से दिल्ली ब्रांच के आरडी नंबर- 22,7,800 से निकलती है और बसई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर खत्म होती है. इस चैनल को साल 1995 में बनाया गया था, जिसकी क्षमता 175 क्यूसेक थी. इस चैनल से बहादुरगढ़, गुरुग्राम के साथ-साथ 28 वाटर वर्क्स की पानी की जरूरत पूरी होती है. बैठक में बताया गया कि 27 साल से लगातार चैनल में पानी बह रहा है, जिससे कई जगहों पर लाइनिंग खराब हो गई है, जिसे तुरंत सुधारने की जरूरत है. 

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गंगा नदी के पानी को हरियाणा में लाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए. इसके लिए गंगा-यमुना लिंक नहर बनाने के लिए जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा जाए. इस लिंक नहर के बनने से हरियाणा के पानी की जरूरत पूरी हो सकेगी. इसके साथ ही दिल्ली में पानी की जरूरत भी इसी लिंक नहर से पूरी करने की तैयारी है. वक्त के साथ ही गुरुग्राम समेत दिल्ली में जनसंख्या बढ़ रही है. इस जनसंख्या के लिए पीने के पानी के साथ-साथ दूसरे इस्तेमाल के लिए पानी की जरूरत बढ़ रही है. 

यमुना-गंगा लिंक पर तैयारी
बैठक में बताया गया कि 2040 तक अकेले गुरुग्राम शहर और कस्बों में पीने के पानी की जरूरत लगभग 475 क्यूसेक तक पहुंच जाएगी. अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली में पानी के इस्तेमाल की कितनी जरूरत होगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल का मानना है कि इस जरूरत हो पूरा करने के लिए अभी से तैयारी करनी होगी. इसके लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यमुना-गंगा लिंक पर तैयारी करने के लिए कहा है.

साथ ही अधिकारी गुरुग्राम के अलावा फरीदाबाद और बाकी जिलों में पानी की जरूरत और इस जरूरत को पूरा करने पर भी रिपोर्ट तैयार करेंगे. अब देखना ये होगा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहल पर केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार क्या जवाब देती है. क्या हरियाणा की जनता की प्यास बुझाने के लिए पानी की जरूरत पूरी होगी या फिर सतलुज-यमुना लिंक (SYL) की तरह एक और नया विवाद जन्म ले लेगा.