Hospital Services Shut Down: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (HCMS) एसोसिएशन ने विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए स्पेशल कैडर, पीजी कोर्सेस में प्रवेश के लिए बॉन्ड राशि कम करने समेत कई मांगों को लेकर 25 जुलाई को प्रदेश के सभी सरकारी की स्वास्थ्य सेवाएं बंद करने का आह्वान किया. हालांकि सरकार ने मरीजों पर पड़ने वाले हड़ताल के असर पर विचार करने का आग्रह किया है. एचसीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया सहित चार डॉक्टरों ने पंचकूला में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक के ऑफिस के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है. 


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डॉ. राजेश ख्यालिया के मुताबिक पिछले कई महीनों में हमारी विभिन्न मांगों के संबंध में डॉक्टरों को बार-बार आश्वासन दिया गया है, लेकिन अब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो पाई हैं. ऐसे में हमने 25 जुलाई से ओपीडी, इमरजेंसी, पोस्टमार्टम समेत अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से बंद रखने का फैसला किया है.


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ख्यालिया ने कहा कि 18 जुलाई को अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य ने आश्वासन दिया था कि 24 जुलाई से पहले दो मांगों- सुनिश्चित करियर और बॉन्ड राशि स से जुड़ी अधिसूचना जारी की जाएगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. 


सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया 
उन्होंने कहा, हमने एक महीने पहले सरकार से कहा था कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम 25 जुलाई से सभी सेवाएं बंद करने के लिए मजबूर होंगे. गुरुवार को सरकार के वार्ता के निमंत्रण पर ख्यालिया ने कहा, हम बैठक में शामिल होंगे, लेकिन अगर कोई नतीजा नहीं निकला तो हमारी हड़ताल अनिश्चितकाल तक जारी रहेगी.


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स्वास्थ्य मंत्री ने एचसीएमएस को लिखा पत्र 
इधर स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता ने एचसीएमएस एसोसिएशन को लिखे पत्र में आम जनता पर डॉक्टरों की हड़ताल के प्रभाव पर विचार करने का आग्रह किया. स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि डॉक्टरों की मांगों पर व्यापक चर्चा के लिए मुख्यमंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों के साथ सार्थक बैठक हुई है. डॉक्टरों की चिंताओं को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है. हम एक ऐसा समाधान निकालने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं जो इसमें शामिल सभी पक्षों के लिए संतोषजनक हो.



जनता पर असर पर विचार करें डॉक्टर 
कमल गुप्ता ने कहा, मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि हड़ताल से हमारे मरीजों और आम जनता पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करें. यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि स्वास्थ्य सेवाएं निर्बाध रहें खासकर उन लोगों के लिए जो जरूरत के समय हम पर भरोसा करते हैं. 


एसएमओ की सीधी भर्ती से ग्रोथ रुकने की आशंका 
इससे पहले 15 जुलाई को सरकारी डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर दो घंटे तक ओपीडी सेवा बंद रखी थी. एचसीएमएस एसोसिएशन के अनुसार, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए डॉक्टरों को 1-1 करोड़ रुपये के दो बॉन्ड जमा करने पड़ते हैं, जो बहुत अधिक है. इस राशि को काफी कम किया जाना चाहिए. एसएमओ की सीधी भर्ती पर एसोसिएशन ने कहा है कि इससे 20 साल की सेवा पूरी होने के बाद पदोन्नति का इंतजार कर रहे सैकड़ों चिकित्सा अधिकारियों की ग्रोथ रुक जाएगी. 


डॉक्टरों की प्रमुख मांगें 
SMO की सीधी भर्ती बंद हो.
केंद्र की तर्ज पर फोर्थ एसीपी की मांग.
विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए स्पेशल कैडर हो.
नीट पीजी करने वाले वालों की बॉन्ड राशि एक करोड़ से कमकर 50 लाख की जाए.