Kidney Stone: रोहतक के पीजीआईएमएस के यूरोलॉजी विभाग में हर महीने ऐसे करीब 300 केस आते हैं. गुर्दे की पथरी वाले मरीजों का इलाज ऑपरेशन की लंबी चीरफाड़ वाली प्रक्रिया से होता है. अब रोहतक में इसका इलाज ईएसडब्लूएल मशीन से किया जाएगा. 


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गुर्दे में पथरी वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. अब मरीजों को ऑपरेशन की लंबी चीर-फाड़ वाली प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा. ऐसे मरीजों को अब बगैर बेहोशी और चीरफाड़ किए ही इलाज किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान पीजीआईएमएस को एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी मशीन उपलब्ध कराई है. इसकी कीमत करीब चार करोड़ रुपये बताई जा रही है.


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पीजीआई रोहतक के यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ देवेंद्र पंवार की मानें तो गुर्दे में पथरी की गंभीर समस्या है. ऐसे केस लगातार बढ़ रहे हैं. पीजीआईएमएस के यूरोलॉजी विभाग में हर माह ऐसे करीब 3000 केस आते हैं. इन मरीजों का इलाज ईएसडब्लूएल मशीन से आसान होगा. यह मशीन 45 से 60 मिनट में ऑपरेशन कर डेढ़ सेंटीमीटर तक की पथरी तोड़ने में सक्षम है. यह मशीन से 45 से 60 मिनट से पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने में समक्ष है. ये टुकड़े यूरीन के रास्ते बाहर निकल जाएंगे.  इससे मरीज को ज्यादा परेशानी नहीं होगी. वह ऑपरेशन के दो घंटे बाद ही अपने घर जा सकेंगे.


वहीं गुर्दे में पथरी का ऑपरेशन करवाकर तुरंत बाहर आई महिला का कहना है कि मुझे किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई और न ही कोई चीर फाड़ की गई. उन्होंने कहा कि मुझे 14 एम एम की पथरी थी, जिसका ऑपरेशन करवाया है और बिल्कुल ठीक हूं. वहीं मरीज के पति का कहना है पथरी से डरने की जरूरत नहीं है या बिना चीर फाड़ के निकाली जा सकती है और यहां इसका मुफ्त इलाज किया जा रहा है. 


INPUT: RAJ TAKIYA