Hijab Ban के खिलाफ सिख महिला चरणजीत कौर खालसा ने Supreme Court में दायर की पुनर्विचार याचिका
सिख महिला चरणजीत कौर खालसा जो अपने सिर पर हमेशा पगड़ी पहनती हैं. उन्होंने कर्नाटका में हिजाब के बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसे कोर्ट द्ववारा खारिज कर दिया था. इस याचिका के खारीज होने के बाद सिख महिला चरणजीत कौर ने फिर से कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला लिया है.
विपिन शर्मा/ कैथल: कैथल के गांव चाणचक की महिलाअमृतधारी सिख महिला चरणजीत कौर खालसा जो अपने सिर पर हमेशा पगड़ी पहनती हैं. उन्होंने कर्नाटका में हिजाब के बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसे कोर्ट द्ववारा खारिज कर दिया था. इस याचिका के खारीज होने के बाद सिख महिला चरणजीत कौर ने फिर से कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला लिया है.
उनका कहना है कि उनके पूरे परिवार की महिलाएं पगड़ी बांधती है, बतौर आशा वर्कर काम करती हैं. किसान आंदोलन मैं भी उन्होंने अहम भूमिका अदा की, धार्मिक कार्यों में हमेशा आगे रहती हैं अमृतधारी सिख वेशभूषा धारण करती है. अगर वो पगड़ी पहन सकती हैं तो कर्नाटक की महिलाएं हिजाब क्यों नहीं पहन सकती हैं.
क्या है पूरा मामला?
फरवरी 2022 में कर्नाटक में जब हिजाब पर बैन की बात चल रही थी और इस पर विवाद भी हो रहा था. उस समय एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें हिजाब पहनें एक लड़की को कुछ लोगों परेशान कर रहे थे. तब लड़की प्रतिरोध में अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाती है, तो दूसरी तरफ से भी जय श्रीराम के नारे लगने लगते हैं.
इस वीडियो को जब चरणजीत कौर खालसा ने देखा तो उन्हें दुख हुआ. उन्होंने सोचा कि किसी को क्या पहनना है और क्या नहीं इसका फैसला वो खुद करेगा न ही कोई और. तब चरणजीत कौर खालसा ने सोचा जब मैं अपने सिर पर पगड़ी पहनती हूं तो उस मुस्लिम लड़की को हिजाब पहनने का अधिकार है. कोई दूसरा व्यक्ति यह कैसे कह सकता है कि वह हिजब ना पहने. लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट में 15 मार्च 2022 को स्कूल ड्रेस कोड का हवाला देकर हिजाब स्कूल में पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया और कहा कि इसका धर्म से कोई संबंध नहीं है.
मार्च 2022 में सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
इसी को लेकर चरणजीत कौर ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को इस याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया आप हरियाणा में रहती हैं और यह मामला कर्नाटक का है.
फिर से दायर की पुर्विचार याचिका
इस मामले पर फिर से चरणजीत कौर ने यह निर्णय लिया है कि वह दोबारा से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए क्योंकि यह एक सामाजिक मुद्दा है.