हरियाणा के देवदत्त शर्मा ने 45 मैराथन दौड़कर अपना नाम गिनीज बुक और लिम्का बुक में दर्ज कर लिया है. देवदत्त नौसेना में सब लेफ्टिनेंट पद पर कार्यरत हैं.
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हिसार: एक दिन में एक व्यक्ति कितना दौड़ सकता है? पांच, सात या फिर दस किलोमीटर. लेकिन जरा सोचिए, क्या कोई व्यक्ति हर रोज 42 किलोमीटर दौड़ सकता है? और वो भी लगातार सौ दिनों तक. हरियाणा के एक लाल ने ये कर दिखाया है. जी हां, आपने सही सुना, हरियाणा के देवदत्त शर्मा ने देवदत्त शर्मा 45 दिन में 45 मैराथन पूरी कर अपना नाम गिनीज बुक और लिम्का बुक में दर्ज कर चुके हैं.
सौ दिनों तक 45 किलोमीटर का दौड़
हरियाणा के रहने वाले देवदत्त शर्मा ने 45 दिनों में 45 मैराथन दौड़ अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा चुके हैं. इसी के साथ देवदत्त पूरी दुनिया में पहले ऐसे वर्दीधारी सैनिक हैं बन गए हैं, जिन्होंने अपना नाम 45 मैराथन दौड़, गिनीज बुक और लिम्का बुक में दर्ज कराया है.
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नौसेना में कमांडर हैं देवदत्त
27 साल के देवदत्त शर्मा नौसेना में कमांडर हैं. साल 2016 में देवदत्त ने भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन लिया था. देवदत्त शर्मा हिसार के गांव खरबला के रहने वाले हैं, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इसी गांव से पूरी की थी. महज 09 साल की उम्र में पिता को खो देने वाले देवदत्त ने अपने बचपन से ही संघर्ष शुरू कर दिया था, लेकिन कभी भी उन्होंने अपनी निजी समस्याओं को अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया. लगातार प्रेरणादाई संवादों को कार्यान्वित करने के लिए देवदत्त शर्मा ने अपना नाम गिनीज तथा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया. देवदत्त का ये सफर आम लोगों के लिए काफी प्रेरणात्मक है.
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