INDIA Alliance 3rd Meeting: मुंबई में होने वाली INDIA एलायंस की तीसरी बैठक से पहले कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. क्या नए दलों की एंट्री से एलायंस मजबूत होगा या निजी हितों के चलते दरार देखने को मिल सकती है. एलायंस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है उन राज्यों में सामंजस्य बनाना, जहां अलायंस के घटक दल एक दूसरे के प्रतिद्वंदी भी हैं. संभावना है कि सभी दलों के बीच में सहमति बनाने के लिए इस बैठक में सीट शेयरिंग के फार्मूले पर काम किया जाएगा.


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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होने वाली INDIA गठबंधन की बैठक में इस बार 27 दल शामिल हो सकते हैं. बेंगलुरु में हुई पिछली बैठक में 26 दल शामिल हुए थे, इस बार महाराष्ट्र शेतकरी दल को भी बैठक में बुलाया गया है. मुंबई में 31 अगस्त की शाम 6 बजे से बैठक की शुरुआत होगी. 6 बजे पहली बैठक होगी और फिर शाम 7 बजे इंडिया गठबंधन के नेता डिनर पर मिलेंगे. इसके बाद 1 सितंबर को सुबह 11 बजे से बैठक शुरू होगी.


INDIA गठबंधन की क्या होगा बैठक का एजेंडा
- बैठक में 11 सदस्यों की कोऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों का चुनाव किया जाएगा और उनके नाम का ऐलान किया जाएगा.
-  प्रदेश स्तर पर एलायंस के लिए सब कमिटी और सामूहिक पब्लिक मीटिंग पर फैसला हो सकता है.
- सूत्रों के मुताबिक 8 और नए राजनीतिक दल INDIA गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं. इनमें 3 दल असम, 3 यूपी और 2 पंजाब से हैं, जिस पर इस बैठक में फैसला हो सकता है.
- गठबंधन के चेयरमैन के नाम पर भी फैसला लिया जा सकता है.
- 2 दिनों की इस बैठक में टीम इंडिया का लोगो और थीम सॉन्ग लांच किए जाने किए जाने की भी संभावना है.


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बैठक से पहले INDIA के सामने क्या हैं बड़ी चुनौतियां
हालांकि मुंबई में होने वाली बैठक से पहले INDIA एलायंस के सामने कई अहम सवाल भी खड़े हैं. सबसे बड़ा सवाल है शरद पवार के रुख को लेकर जिस पर अभी असमंजस की स्तिथि है और बाकी दलों में बेचैनी भी दिख रही रही है. बड़ी परेशानी है दिल्ली, पंजाब, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं की एक-दूसरे खिलाफ बयानबाजी और तीनों राज्यों में अपने दम पर चुनाव लड़ने की दावेदारी. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, लेफ्ट और कांग्रेस के बीच तालमेल को लेकर स्तिथि स्पष्ट नहीं है. सभी राज्यों में सीट शेयरिंग फार्मूले को लेकर चर्चा करके सभी की संतुष्टि के मुताबिक उसे अंजाम देना.


हालांकि आम आदमी पार्टी और अन्य दलों के बीच सामंजस्य की जहां तक बात करें तो कांग्रेस के नेता लगातार आम आदमी पार्टी की मंशा पर सवाल खड़े करते नजर आते हैं. कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक शर्मा ने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले भी बीजेपी की मदद करती देखी गई है. जिस तरह के बयान केजरीवाल और उनके प्रवक्ताओं के आ रहे हैं INDIA गठबंधन के घटक दलों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए. अगर आपस में अभी से आम आदमी पार्टी दरार पैदा करेगी तो वो गठबंधन के लिए ठीक नहीं होगा. आम आदमी पार्टी अभी मुंबई भी जा रहीं है और हमारे साथ है, लेकिन अगर इस तरह के बयान आएंगे तो कहीं न कहीं प्रश्न चिन्ह लगेंगे.